Kathua Cloudburst: जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर, 7 की मौत, कई गांव तबाह

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Central News Desk: जम्मू-कश्मीर इस समय प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में है। किश्तवाड़ में बादल फटने की तबाही के बाद अब कठुआ जिले में रविवार तड़के आसमान से आई आफत ने हाहाकार मचा दिया। जिले के राजबाग इलाके के जोड घाटी गांव में अचानक बादल फटने से चारों ओर जलप्रलय जैसे हालात बन गए। देखते ही देखते कई घर मलबे में तब्दील हो गए, खेत जलमग्न हो गए और सड़कों पर सिर्फ मलबा ही मलबा नजर आने लगा। इस घटना में अब तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।

तीन जगहों पर फटा बादल, रेलवे ट्रैक और हाईवे डूबे

अधिकारियों के अनुसार कठुआ में एक नहीं बल्कि तीन जगह बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। राजबाग के जोड घाटी के अलावा कठुआ थाना क्षेत्र के बगड़ और चंगड़ा गांवों तथा लखनपुर के दिलवां-हुटली इलाकों में भारी भूस्खलन हुआ है।
इस आपदा की मार सिर्फ गांवों तक सीमित नहीं रही। रेलवे ट्रैक, नेशनल हाईवे और कठुआ थाना परिसर भी क्षतिग्रस्त हो गए। कई इलाकों का संपर्क टूट गया है।

उझ नदी उफान पर, जलाशयों का स्तर बढ़ा

भारी बारिश के चलते अधिकांश जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। उझ नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है, जिससे और अधिक तबाही की आशंका बनी हुई है। कई मकान और दुकानें पानी में समा गई हैं। मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी है।

राहत और बचाव कार्य तेज़

आपदा की सूचना मिलते ही पुलिस, SDRF और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं। ग्रामीण भी बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं। कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
हालांकि खराब मौसम और लगातार बारिश राहत कार्य में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है।

किश्तवाड़ में भी हुई थी बड़ी तबाही

कठुआ से पहले किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। चिशोती इलाके में आई बाढ़ में करीब 60 लोगों की मौत हो चुकी है। श्री मचैल यात्रा को भी सुरक्षा कारणों से स्थगित कर दिया गया है।
लगातार हो रही इन प्राकृतिक आपदाओं ने घाटी में रहने वाले लोगों को दहशत में डाल दिया है।

लोगों में दहशत, प्रशासन अलर्ट पर

कठुआ और आसपास के गांवों में लोग दहशत में हैं। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों को सुरक्षित इलाकों में शिफ्ट करने का काम जारी है।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक और भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे खतरा और बढ़ सकता है।

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