मुख्यमंत्री योगी ने सहायक अध्यापकों को सौंपे नियुक्ति पत्र, बोले – अब नौकरी के लिए सिफारिश की जरूरत नहीं

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मुख्यमंत्री योगी ने सहायक अध्यापकों को सौंपे नियुक्ति पत्र, बोले - अब नौकरी के लिए सिफारिश की जरूरत नहीं

Central News Desk: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ स्थित लोकभवन में आयोजित भव्य समारोह में 49 प्रवक्ताओं और 494 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रदेश में अब नौकरियों के लिए किसी सिफारिश या पैरवी की आवश्यकता नहीं है। पूरी चयन प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और योग्यता आधारित है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग की स्थिति संतोषजनक नहीं थी, लेकिन सरकार ने व्यापक सुधार और नवाचारों के जरिए इसे पूरी तरह बदल दिया है। उन्होंने बताया कि नई प्रक्रिया के तहत अब तक राजकीय विद्यालयों में 8423 और सहायता प्राप्त विद्यालयों में 34074 अध्यापकों का चयन किया जा चुका है।

कार्यक्रम की शुरुआत में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती गुलाब देवी ने नवनियुक्त शिक्षकों का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि “प्रोजेक्ट अलंकार” के तहत माध्यमिक विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं के विकास हेतु इस वित्तीय वर्ष में 508 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है। इसके अलावा सहायता प्राप्त माध्यमिक और संस्कृत विद्यालयों के लिए भी 14 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

मानदेय के आधार पर शिक्षकों की व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है, जिससे छात्र राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकें। जब तक नियमित शिक्षक नियुक्त नहीं हो जाते, तब तक मानदेय के आधार पर शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। साथ ही सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवाएं भी रिक्त पदों के लिए ली जा रही हैं।

शिक्षकों के गुणों को किया सम्बोधित

शिक्षकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक का व्यक्तित्व और आचरण बच्चों के जीवन को गहराई से प्रभावित करता है। उन्होंने शिक्षकों को समयबद्धता, कर्तव्यनिष्ठा और सतर्कता बरतने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी सफलता स्थायी नहीं होती, इसलिए निरंतर प्रयास और सजगता ही शिक्षक का असली गुण है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में अब नकलविहीन परीक्षाएं सफलतापूर्वक कराई जा रही हैं और माध्यमिक शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को साकार करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है।

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