प्रैक्टिकल एग्जाम में सामने आई लापरवाही, यूनिवर्सिटी का बड़ा एक्शन

- 600 शिक्षक डिबार, 60 कॉलेजों की परीक्षा व्यवस्था बदली
Central News Desk: छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू), कानपुर से जुड़े डिग्री कॉलेजों में प्रैक्टिकल एग्जाम के दौरान अंकों की अनियमितता सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच में दोषी पाए गए 600 शिक्षकों को एक वर्ष के लिए डिबार कर दिया गया है। इस अवधि में वे किसी भी परीक्षा में परीक्षक की भूमिका नहीं निभा सकेंगे।
100 से ज्यादा स्टूडेंट्स को दिए एक जैसे नंबर
विश्वविद्यालय द्वारा की गई आंतरिक जांच में खुलासा हुआ कि कई कॉलेजों के सैकड़ों छात्रों को प्रायोगिक परीक्षा में 75 में से 73, 74 या पूरे 75 अंक दिए गए थे। जब अंकों की यह समानता वेबसाइट पर देखी गई, तो प्रशासन को संदेह हुआ और मामले की छानबीन शुरू की गई।

छह जिलों के 60 कॉलेजों में मिली अनियमितता
प्रो. आर.के. द्विवेदी की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी ने कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, कन्नौज, फर्रुखाबाद और औरैया के 60 कॉलेजों की प्रायोगिक परीक्षाओं के अंकों की समीक्षा की। सभी मामलों में पाया गया कि छात्रों को जानबूझकर अधिक अंक दिए गए हैं। खास बात यह रही कि इन कॉलेजों में सभी परीक्षक स्ववित्तपोषित डिग्री कॉलेजों से थे।
विद्यार्थियों के बढ़े अंक घटाकर 60 किए गए
जांच कमेटी की सिफारिश पर अब इन छात्रों के अंक घटाकर 60 कर दिए गए हैं। विश्वविद्यालय ने यह कदम पारदर्शिता बनाए रखने और शैक्षणिक मानकों की रक्षा के लिए उठाया है।
डिबार शिक्षकों की सूची तैयार, कॉलेजों की परीक्षा व्यवस्था में बदलाव
600 शिक्षकों को एक वर्ष के लिए डिबार किया गया है। साथ ही जिन 60 कॉलेजों में अनियमितता पाई गई है, उनकी आगामी प्रायोगिक परीक्षाएं अब सरकारी या अनुदानित कॉलेजों में कराई जाएंगी। इन परीक्षाओं में विशेष पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियों की पुनरावृत्ति न हो।
विश्वविद्यालय प्रशासन की सख्त चेतावनी
परीक्षा नियंत्रक राकेश कुमार ने बताया कि यह निर्णय यूनिवर्सिटी की परीक्षा समिति द्वारा लिया गया है और भविष्य में ऐसी किसी भी अनियमितता पर और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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