कफ सिरप बना ‘किलर मेडिसिन’: 11 मासूमों की मौत के बाद डॉक्टर गिरफ्तार, श्रीसन कंपनी पर भी केस दर्ज

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Central News Desk: राज्य को झकझोर देने वाले जहरीले कफ सिरप कांड में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। जहरीला सिरप लिखने के आरोप में डॉ. प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया गया है। डॉक्टर पर आरोप है कि उन्होंने ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप जैसी खतरनाक दवा बच्चों को प्रिस्क्राइब की, जिसके सेवन से 11 मासूमों की दर्दनाक मौत हो गई।

इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ अंकित की शिकायत पर पुलिस ने डॉ. प्रवीण सोनी और श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि सिरप में 46.2 फीसदी डायएथिलीन ग्लायकॉल मौजूद था — जो अत्यधिक जहरीला रासायनिक तत्व है और बच्चों की मौत की मुख्य वजह बना।

रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सरकारी डॉक्टर होते हुए भी प्रवीण सोनी अपने निजी क्लीनिक से इस प्रतिबंधित दवा को लिखते रहे, जबकि नागपुर से आई बायोप्सी रिपोर्ट में इसकी विषाक्तता स्पष्ट हो चुकी थी।

सरकार ने कार्रवाई तेज करते हुए पूरे प्रदेश में ‘कोल्ड्रिफ कफ सिरप’ पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मृतक बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने और बीमार बच्चों का इलाज राज्य खर्चे पर कराने की घोषणा की है।

सरकार ने औषधि विभाग को आदेश दिया है कि—

  • प्रदेशभर में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री व वितरण पर रोक लगाई जाए।
  • संदिग्ध दवाओं के नमूने फ्रीज कर परीक्षण प्रयोगशालाओं में भेजे जाएं।
  • श्रीसन फार्मास्युटिकल द्वारा निर्मित अन्य सभी उत्पादों की बिक्री व वितरण भी तत्काल रोकी जाए।

मुख्यमंत्री ने साफ कहा है — “दोषियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। मासूमों की जान से खेलने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी।”

यह हादसा न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही उजागर करता है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि आखिर जहरीली दवाएं बाजार तक पहुंच कैसे गईं? मध्य प्रदेश से लेकर तमिलनाडु और राजस्थान तक पहले ही बैन की गई यह दवा आखिर कैसे फिर से मौत का कारण बनी — यह जांच का सबसे बड़ा सवाल है।

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