चोरियों से दहशत: कानपुर के ग्रामीणों ने संभाली सुरक्षा की जिम्मेदारी, रात में लाठी-डंडे लेकर दे रहे पहरा
Central News Desk: महाराजपुर और नरवल क्षेत्र के ग्रामीणों ने लगातार हो रही चोरियों से तंग आकर अब अपनी सुरक्षा खुद संभालनी शुरू कर दी है। गांवों में चौपालें अब केवल सामाजिक बैठकों का स्थल नहीं रहीं, बल्कि पहरेदारी का अड्डा बन गई हैं। बीते 20 दिनों में दर्जनभर से अधिक चोरियों ने ग्रामीणों को मजबूर कर दिया है कि वे लाठी-डंडा लेकर रात भर जागें और संदिग्धों पर नजर रखें।
चोरी से ग्रामीणों में भय
ग्रामीणों का कहना है कि उनके घरों में जीवनभर की कमाई से खरीदे गए सोने-चांदी के आभूषण और थोड़ी बहुत नकदी ही सबसे बड़ी संपत्ति है। अगर चोर उस पर हाथ डाल दें, तो उनका जीवन संकट में पड़ जाएगा। इसी वजह से अब वे रात में घरों की पहरेदारी कर रहे हैं।
अफवाहों ने बढ़ाया तनाव
चोरी की घटनाओं के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार भी गर्म है। ग्रामीण अपने रिश्तेदारों को सतर्क कर रहे हैं कि किसी भी अजनबी पर शक हो तो तुरंत सतर्क हो जाएं। यहां तक कि अब गांवों में फेरीवाले, कबाड़ी और सब्जी बेचने वाले भी ग्रामीणों की शक की निगाहों में आ गए हैं।
पुलिस पर भरोसा कम, खुद पर ज्यादा
हालांकि स्थानीय पुलिस का कहना है कि वे लगातार गश्त कर रही हैं, लेकिन ग्रामीणों का भरोसा अब केवल अपनी चौकसी पर है। उनका मानना है कि जब तक वे खुद जागरूक नहीं होंगे, तब तक परिवार और संपत्ति को सुरक्षित रखना मुश्किल है।
ग्रामीणों का यह कदम साफ दिखाता है कि किस तरह सुरक्षा का संकट गहरा गया है और आमजन अब अपने गांव और घर की सुरक्षा खुद करने पर मजबूर हो गए हैं।
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