मुंबई में मई की रिकॉर्डतोड़ बारिश: 107 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा, 250 उड़ानें बाधित

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Central News Desk: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में समय से 16 दिन पहले मानसून की दस्तक ने इस बार इतिहास रच दिया। बीते सोमवार को हुई भारी बारिश ने मई महीने में बीते 107 वर्षों का बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया। बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोकल ट्रेन सेवाएं प्रभावित रहीं, सड़कों पर जलभराव के कारण हजारों लोग फंस गए और हवाई यातायात भी गंभीर रूप से प्रभावित हुआ। अब तक 250 से अधिक उड़ानें रद्द या डायवर्ट की जा चुकी हैं।

कई जिलों में तबाही, एनडीआरएफ की टीमें राहत में जुटीं

मुंबई के अलावा ठाणे, पालघर, रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों में भी तेज बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। हालात पर काबू पाने के लिए एनडीआरएफ की 13 और एसडीआरएफ की 2 टीमें तैनात की गई हैं। अकेले मुंबई में एनडीआरएफ की 5 टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में लगी रहीं। रायगढ़ में बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि बारामती और इंदापुर में बादल फटने जैसी स्थिति में करीब 200 घरों में पानी घुस गया।

वर्ली मेट्रो स्टेशन में रिसाव, फॉल्स सीलिंग ढही

बारिश का असर निर्माणाधीन मेट्रो प्रोजेक्ट्स पर भी देखने को मिला। वर्ली में भूमिगत मेट्रो स्टेशन परिसर में एस्केलेटर के पास पानी रिसने की खबर सामने आई है, वहीं फॉल्स सीलिंग गिरने से सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

मध्य रेलवे पर जलभराव, ट्रेन सेवाएं प्रभावित

मध्य रेलवे की हार्बर लाइन की मस्जिद, भायखला, दादर, माटुंगा और बदलापुर रेलवे स्टेशनों पर पटरियां जलमग्न हो गईं। लोकल ट्रेनों की रफ्तार धीमी पड़ गई, जिससे हजारों यात्री रास्ते में फंसे रहे।

75 सालों में पहली बार इतनी जल्दी पहुंचा मानसून

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस बार 75 वर्षों में सबसे पहले मुंबई में दस्तक दी है। इससे पहले 1956, 1962 और 1971 में मानसून 29 मई को पहुंचा था। इस बार मानसून 27 मई को ही शहर में पहुंच गया। तेज हवाएं (70-80 किमी प्रति घंटा) और मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया।

प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

बारामती क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कई घरों में पानी घुस गया। लगभग 70-80 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। पुणे-सोलापुर हाईवे पर पाटस क्षेत्र में हालात सबसे खराब रहे, जहां कई गाड़ियां बह गईं और सड़क संपर्क टूट गया।

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