क्या एप्पल भारत से कर रहा है रुखसत? ट्रंप के बयान से गहराया व्यापारिक तनाव

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भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद के बीच एप्पल की मैन्युफैक्चरिंग पर मंडराया सवाल, GTRI की रिपोर्ट में सामने आई अहम बातें

Special Report: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक हालिया बयान ने भारत-अमेरिका के बीच चल रहे व्यापारिक टैरिफ विवाद को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। ट्रंप ने संकेत दिया है कि टेक्नोलॉजी जायंट एप्पल को अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भारत से हटाकर अमेरिका में स्थापित करनी चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत पर दबाव बनाने की एक रणनीति है, जिससे वह अपनी टैरिफ नीति में बदलाव करे।

भारत को होगा सीमित आर्थिक नुकसान, लेकिन नौकरी संकट तय

ग्लोबल ट्रेड इनिशिएटिव रिसर्च (GTRI) की रिपोर्ट के अनुसार, यदि एप्पल भारत से अपना प्रोडक्शन शिफ्ट करता है, तो इससे सरकारी राजस्व पर सीमित असर पड़ेगा, लेकिन करीब 60,000 कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में आ सकती हैं।

वर्तमान में एप्पल अपने 85 फीसदी iPhone चीन में और 15 फीसदी भारत में बनाता है। भारत में हर एक आईफोन से सरकार को औसतन 30 डॉलर का टैक्स रेवेन्यू प्राप्त होता है।

अमेरिका में निर्माण महंगा सौदा, मुनाफा होगा चौपट

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में एक असेंबली कर्मचारी का औसत वेतन 290 डॉलर है, जबकि अमेरिका में यही वेतन करीब 2,900 डॉलर तक होता है। इससे एक आईफोन की असेंबली लागत 30 डॉलर से बढ़कर 390 डॉलर हो जाएगी, जिससे एप्पल का प्रति डिवाइस मुनाफा 450 डॉलर से घटकर केवल 60 डॉलर रह जाएगा।

भारत और चीन को मिलाकर सिर्फ 3% हिस्सा, बाकी अमेरिका की कमाई

GTRI का यह भी कहना है कि एक आईफोन की कीमत में भारत और चीन को मिलाकर मात्र 3% का हिस्सा मिलता है, जबकि बाकी अधिकांश लाभ अमेरिकी कंपनियों के खाते में जाता है। ऐसे में उत्पादन को अमेरिका ले जाना ना केवल महंगा सौदा होगा, बल्कि एप्पल के लिए घाटे का कारण भी बन सकता है।

भारत के लिए अगली चुनौती: नीति में बदलाव या दबाव का सामना

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान भारत को टैरिफ नीति बदलने के लिए मजबूर करने का प्रयास हो सकता है। अब यह देखना अहम होगा कि भारत इस दबाव के आगे झुकता है या अपनी मौजूदा नीति पर अडिग रहता है।

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