उत्तराखंड में मानसून से पनबिजली उत्पादन घटा, लेकिन बैंकिंग बनी बड़ी राहत – बिजली संकट से फिलहाल राहत

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भारी बारिश से प्रभावित जलविद्युत परियोजनाएं, फिर भी राज्य में नहीं फैला अंधकार
Uttarakhand News Desk: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने आम जनजीवन के साथ-साथ राज्य की जलविद्युत परियोजनाओं को भी प्रभावित किया है। तेज बहाव और नदियों में आई अत्यधिक सिल्ट के कारण प्रदेश की 9 प्रमुख पनबिजली परियोजनाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। इसमें मनेरी भाली-1, मनेरी भाली-2, छीबरों, खोदरी, कुल्हाल, व्यासी, ढकरानी, ढालीपुर और खटीमा जैसी यूनिट्स शामिल हैं।

उपकरणों को बचाने के लिए लिया गया फैसला
इन परियोजनाओं को रोकने का फैसला सुरक्षा कारणों से लिया गया है। यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के प्रवक्ता एम.आर. आर्य के अनुसार, “बरसात के मौसम में सिल्ट सामान्य बात है और उत्पादन पर इसका असर पड़ता ही है, लेकिन हम पहले से तैयार हैं।”

बैंकिंग व्यवस्था ने निभाई बड़ी भूमिका
राज्य की प्रतिदिन की बिजली मांग लगभग 45 मिलियन यूनिट है। हालांकि पनबिजली उत्पादन घटकर 18 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया है, लेकिन इसकी भरपाई अन्य स्रोतों से हो रही है:

यूजेवीएनएल उत्पादन: 18 मिलियन यूनिट

केंद्रीय पूल और अन्य स्रोतों से आपूर्ति: 24 मिलियन यूनिट

बैंकिंग के तहत वापस मिल रही बिजली: 5–7 मिलियन यूनिट प्रतिदिन

इस बैंकिंग व्यवस्था ने राज्य को बिजली संकट से बचाए रखा है। एम.आर. आर्य के अनुसार, “अभी तक किसी भी उपभोक्ता को बिजली की किल्लत नहीं झेलनी पड़ी है।”

सरकार की सतर्क निगरानी और वैकल्पिक तैयारियां
ऊर्जा विभाग का कहना है कि यदि बारिश की तीव्रता बनी रही, तो स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर वैकल्पिक स्रोतों से और बिजली खरीदी जाएगी। राज्य सरकार फिलहाल हालात पर नियंत्रण बनाए हुए है और बिजली आपूर्ति को प्राथमिकता दी जा रही है।

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