“भारत की चुप्पी सिर्फ मौन नहीं, नैतिक मूल्यों का समर्पण है” – मिडिल ईस्ट संकट पर सोनिया गांधी का मोदी सरकार पर हमला

Central News desk: मिडिल ईस्ट में जारी युद्ध और उसके गंभीर मानवीय परिणामों को लेकर भारत सरकार की चुप्पी अब सियासी बहस का मुद्दा बन गई है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने भारत की विदेश नीति में आए मूल्यगत बदलाव को “चिंताजनक” बताया और कहा कि सरकार ने भारत की स्थायी, संतुलित और नैतिक विदेश नीति से विचलन किया है।
गाज़ा और ईरान पर भारत की चुप्पी पर सवाल
सोनिया गांधी ने लिखा –
“गाज़ा में हो रही तबाही और अब ईरान पर बिना उकसावे के हुए हमलों पर नई दिल्ली की चुप्पी चिंताजनक है। यह सिर्फ हमारी आवाज़ का नहीं, बल्कि हमारे नैतिक मूल्यों और ऐतिहासिक सिद्धांतों का समर्पण है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत हमेशा से गुटनिरपेक्षता, वैश्विक न्याय और शांति का समर्थक रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में यह रुख धीरे-धीरे कमजोर होता दिख रहा है।

ईरान पर हमले को बताया एकतरफा और असंवैधानिक
सोनिया गांधी ने 13 जून 2025 को इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमले को “एकतरफा, असंवैधानिक और खतरनाक” बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे हमले मध्य एशिया में तनाव को और बढ़ा सकते हैं और इससे वैश्विक शांति के प्रयासों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
“ईरान भारत का ऐतिहासिक मित्र रहा है”
उन्होंने यह भी कहा कि ईरान भारत का पुराना और रणनीतिक सहयोगी रहा है – चाहे बात ऊर्जा सुरक्षा की हो, चाबहार पोर्ट की या क्षेत्रीय स्थिरता की।
“भारत की चुप्पी न सिर्फ हमारे पारंपरिक मित्रों को लेकर असंवेदनशीलता दर्शाती है, बल्कि यह हमारी विदेश नीति की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करती है,” उन्होंने लिखा।
भारत को अपनी भूमिका निभानी चाहिए
कांग्रेस नेता ने अपील की कि अभी भी समय है कि भारत एक जिम्मेदार वैश्विक लोकतंत्र की तरह अपनी भूमिका निभाए और मिडिल ईस्ट संकट में शांति और न्याय के पक्ष में खड़ा हो।
“भारत को मुखर होकर अपनी बात रखनी चाहिए, सभी कूटनीतिक माध्यमों को सक्रिय करना चाहिए और संघर्षरत पक्षों को शांति की ओर प्रेरित करना चाहिए।”
नैतिक नेतृत्व की ज़रूरत
सोनिया गांधी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मिडिल ईस्ट में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, खासकर गाज़ा पट्टी और ईरान को लेकर। उन्होंने लिखा –
“भारत केवल एक भू-राजनीतिक शक्ति नहीं, बल्कि नैतिक नेतृत्व की भूमिका में भी रहा है। हमें अपने इतिहास, संस्कृति और संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप बोलना चाहिए।”

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.