ईरान-इजरायल युद्ध का भारत पर असर: बदलनी पड़ रही है तेल खरीद रणनीति, रूस से आयात रिकॉर्ड स्तर पर

0
images (3)

Central News Desk: मिडिल ईस्ट में ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव ने वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति की दिशा बदलनी शुरू कर दी है। अब अमेरिका के भी इस संघर्ष में सक्रिय हो जाने से हालात और गंभीर हो गए हैं। इसका सीधा असर भारत जैसे देशों पर पड़ता दिखाई दे रहा है, जो ऊर्जा जरूरतों के लिए कच्चे तेल के आयात पर निर्भर हैं।

मिडिल ईस्ट से घट रही है सप्लाई, जहाजों की संख्या में भारी गिरावट

तेल ट्रैकिंग करने वाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसी Kpler के लीड रिसर्च एनालिस्ट सुमित रितोलिया के मुताबिक, मिडिल ईस्ट गल्फ (MEG) की ओर जाने वाले खाली टैंकरों की संख्या 69 से घटकर सिर्फ 40 रह गई है। ओमान की खाड़ी से गुजरने वाले जहाजों के सिग्नल भी पहले के मुकाबले आधे हो गए हैं। यह संकेत देता है कि आने वाले समय में मिडिल ईस्ट से तेल की लोडिंग घट सकती है, जिससे भारत की ऊर्जा रणनीति पर असर पड़ना तय है।

भारत का झुकाव अब रूस की ओर, रिकॉर्ड मात्रा में तेल आयात

यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के चलते रूसी कच्चा तेल वैश्विक बाजार में सस्ता हो गया। इसका सीधा फायदा भारत ने उठाया। पहले जहां रूस से भारत का तेल आयात 1% से भी कम था, अब यह बढ़कर 40-44% तक पहुंच गया है।

Kpler के मुताबिक, भारत जून 2025 में रूस से रोजाना 2 से 2.2 मिलियन बैरल कच्चा तेल खरीद सकता है, जो अब तक का सर्वाधिक है। मई में यह आंकड़ा 1.96 मिलियन बैरल प्रतिदिन था।

मिडिल ईस्ट और अमेरिका से आयात में उतार-चढ़ाव

जहां मिडिल ईस्ट से तेल आयात घट रहा है, वहीं अमेरिका से आयात में तेजी आई है। जून में भारत ने अमेरिका से 439,000 बैरल/दिन तेल खरीदा, जो मई के मुकाबले कहीं ज्यादा है (280,000 बैरल/दिन)। मिडिल ईस्ट से जून में तेल आयात 2 मिलियन बैरल/दिन के आसपास रहने की संभावना है, जो पिछले महीने से कम है।

तेल की कीमतों पर असर, भारत की चुनौती बढ़ी

ईरान-इजरायल युद्ध और अमेरिका की सैन्य गतिविधियों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। भारत जो प्रतिदिन औसतन 5.1 मिलियन बैरल कच्चा तेल आयात करता है, उसे अब कीमत और आपूर्ति – दोनों के मोर्चे पर रणनीतिक फैसले लेने होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed