बारापुला नाले से हटाया गया अतिक्रमण: 300 से अधिक झुग्गियों पर चला बुलडोजर, मानसून से पहले जलभराव से राहत की तैयारी

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Capital News Desk: राजधानी दिल्ली में मानसून से पहले जलभराव की पुरानी समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जंगपुरा स्थित मद्रासी कैंप में रविवार को भी अतिक्रमण हटाने की मुहिम जारी रखी। बारापुला नाले के किनारे बसी 370 से अधिक झुग्गियों को हटाया जा चुका है, जिनमें से 189 झुग्गी निवासियों को नरेला में फ्लैट दिए गए हैं, जबकि 181 लोगों को पुनर्वास के लिए अयोग्य पाया गया।

क्यों की गई ये कार्रवाई?

बारापुला नाला, जो नई दिल्ली और दक्षिण दिल्ली के लिए प्रमुख जल निकासी मार्ग है, अतिक्रमण के चलते संकुचित हो चुका था। इसके चलते मानसून में नाले की सफाई नहीं हो पा रही थी और हर साल भारी बारिश में खान मार्केट, लोधी रोड, और सांसदों के आवासों तक जलभराव की स्थिति बन जाती थी। यहां तक कि कई बार लोगों का घरेलू सामान भी बारिश के पानी में खराब हो गया।

कोर्ट के आदेश पर चला बुलडोजर

यह कार्रवाई अदालत के निर्देशों के तहत की जा रही है, ताकि नाले की सफाई कर भारी बारिश में जलभराव की समस्या को रोका जा सके। बारापुला नाले की साफ-सफाई न होने के कारण राजधानी के कई प्रमुख इलाकों में बारिश के दौरान पानी भर जाता था, जिससे जनजीवन प्रभावित होता था।

उपराज्यपाल ने दिए थे सख्त निर्देश

इस वर्ष की शुरुआत में राजधानी में सत्ता परिवर्तन के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, संबंधित मंत्रियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ दो बार इलाके का निरीक्षण किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मानसून से पहले हर हाल में नाले की सफाई पूरी होनी चाहिए।

आगे क्या?

प्रशासन का दावा है कि अतिक्रमण हटने के बाद अब नाले की नियमित सफाई संभव हो सकेगी और नई दिल्ली तथा दक्षिण दिल्ली के नागरिकों को मानसून में जलभराव से राहत मिलेगी।

निगरानी में रहेगी कार्रवाई: पुनर्वास नीति के तहत पात्र लोगों को आवास दिए गए हैं, लेकिन अयोग्य पाए गए लोगों के लिए फिलहाल कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बनाई गई है, जिस पर सामाजिक संगठनों ने चिंता जताई है।

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