Khelo India Youth Games 2025: बिहार ने दिखाया कमाल, 620% पदक वृद्धि के साथ 14वां स्थान

Sport News Desk: बिहार ने राष्ट्रीय खेलों में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। पटना के पाटलीपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का सातवां सीजन शानदार तरीके से पूरा हुआ। यह खेल 4 मई से शुरू हुए थे। इसमें बिहार के खिलाड़ियों ने शानदार खेल दिखाया और सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा।बिहार ने राष्ट्रीय खेलों के इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
पटना के पाटलीपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में भव्य कार्यक्रम के साथ खेलो इंडिया यूथ गेम्स का सातवां संस्करण पूरा हो गया। यह आयोजन 4 मई से शुरू हुआ था। इस आयोजन में बिहार के खिलाड़ियों ने अपनी शानदार प्रतिभा दिखाई और सभी का ध्यान आकर्षित किया। साथ ही बिहार ने एक अच्छा मेजबान बनकर अपनी छवि भी मजबूत की।

समापन समारोह में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, केंद्रीय युवा एवं खेल राज्यमंत्री रक्षा निखिल खडसे, बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित सिंह, जनक राम, राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और पुलिस महानिदेशक विनय कुमार समेत कई महत्वपूर्ण लोग मौजूद थे।उपमुख्यमंत्री ने बिहार के युवाओं के जोश और मेहनत की खूब तारीफ की। उन्होंने दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों का भी हौसला बढ़ाया।
उन्होंने बताया कि बिहार साल 2030 में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए बिहार में सभी खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। बिहार के नौ प्रमंडलों में खेल गांव बनाए जाएंगे। ध्यान देने वाली बात यह है कि बिहार में ट्रैक साइकिलिंग, शूटिंग और जिमनास्टिक की जरूरी सुविधाएं नहीं होने के कारण इन प्रतियोगिताओं को दिल्ली में करवाना पड़ा था।झारखंड को पछाड़ खेल की नई प्रयोगशाला बना बिहार

बिहार ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए 14वां स्थान हासिल किया है। पहले लोग अक्सर बिहार के खिलाड़ियों की तुलना झारखंड से करते थे, लेकिन इस बार बिहार ने 620% की बड़ी प्रगति दिखाते हुए झारखंड को पीछे छोड़ दिया है। इस बार बिहार के खिलाड़ियों ने 7 गोल्ड, 11 सिल्वर और 18 कांस्य पदक जीते, यानी कुल 36 पदक, जबकि 2023 में सिर्फ 5 पदक मिले थे। यह बड़ी सफलता बिहार के लिए बहुत खास है और दिखाती है कि अब बिहार सिर्फ नाम का नहीं, बल्कि खेलों की नई प्रयोगशाला बनकर उभर रहा है।
पदकों के पीछे छिपीं सपनों की कहानियां
इन पदकों के पीछे कई गांवों की कहानियां छिपी हैं, जहां बच्चों ने कठिन हालात में भी मेहनत नहीं छोड़ी। कम संसाधनों के बावजूद उन्होंने अभ्यास किया और आज वे राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का नाम चमका रहे हैं। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रण शंकरण ने कहा कि यह सफलता अचानक नहीं आई है, बल्कि सरकार की योजनाओं और युवाओं के लिए बेहतर सुविधाओं का नतीजा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीति और विजन का परिणाम
यह सफलता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शिता और मेहनत का नतीजा है। उन्होंने खेलों को बेहतर बनाने के लिए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण को रजिस्टर्ड कराया और खेल विभाग बनाया। इसके बाद से खिलाड़ियों को अच्छे प्रशिक्षण, संसाधन और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के मौके लगातार बढ़ाए गए।
बिहार ने की अतिथि खिलाड़ियों की अभूतपूर्व मेजबानी
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में बिहार ने न केवल अपने खिलाड़ियों की प्रतिभा दिखाई, बल्कि देश के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के हजारों खिलाड़ियों और अधिकारियों का बेहतरीन स्वागत और मेजबानी भी की। उनके लिए खाने पीने, सुरक्षा और यात्रा की अच्छी व्यवस्था की गई। सभी ने बिहार की मेहमाननवाजी और आयोजन की तारीफ की। समापन समारोह में बिहार की संस्कृति और कला की भी झलक दिखी, और खिलाड़ियों की खुशी ने माहौल को और खास बना दिया।खेल के मानचित्र उभरा बिहार

इस तरह बिहार ने साबित कर दिया है कि सही योजना, मेहनत और संकल्प से वह अब सिर्फ शिक्षा और इतिहास के लिए नहीं, बल्कि खेलों के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण राज्य बन चुका है। पहले जहां इसे बीमारू राज्य कहा जाता था, अब वह खेल के मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बना रहा है।
खेलों के राष्ट्र स्तरीय आयोजनों में बिहार का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया है। इसकी मुख्य वजह खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का 4 से 15 मई तक सफलतापूर्वक आयोजित होना है। सूबे के पांच शहरों पटना, नालंदा (राजगीर), गया, भागलपुर और बेगूसराय में इसके लिए खासतौर से इंतजाम किए गए थे। 28 विभिन्न विधाओं के खेलों में शामिल होने आए 10 हजार से अधिक खिलाड़ी और उनके सहयोग कर्मी के ठहरने, भोजन से लेकर उनके आवागमन के लिए राज्य सरकार के स्तर से बेहतरीन प्रबंध किए गए थे। इसकी प्रशंसा दूसरे राज्यों से आए सभी खिलाड़ियों ने भी की।
इसके लिए पटना, गया, राजगीर, भागलपुर और बेगूसराय के विभिन्न होटलों से लेकर राजकीय अतिथिशाला में तमाम मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई गई थीं। ताकि खिलाड़ियों को किसी तरह की समस्या नहीं हो। इंडोर खेलों के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी। सभी इंडोर खेल कोर्ट में गर्मी से बचने के लिए एसी से लेकर अन्य जरूरी संसाधन मुहैया कराए गए थे। बोधगया स्थित बिपार्ड में मौजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर के 30 मीटर लंबे स्वीमिंग पुल में तैयारी से संबंधित सभी प्रतियोगिताएं संपन्न कराई गईं। इसी तरह यहां आयातीत रबर से खासतौर से बने जॉगिंग ट्रैक पर कुछ प्रतियोगिताएं हुईं। जिन मैदानों में मलखम, योग, थांगटा जैसे खेलों का आयोजन कराया गया था, वहां खासतौर से जर्मन हैंगर बनाए गए थे, जिससे खिलाड़ी और दर्शकों को इस भीषण गर्मी में भी समस्या नहीं हो।

अलग खेल विभाग बनाने से हुई इसकी शुरुआत
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खेलों को प्रोत्साहित करने की अपनी दूरदर्शी सोच के तहत युवाओं को इसे एक बेहतरीन करियर विकल्प के तौर पर अपनाने की प्रेरणा प्रदान करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई अहम निर्णय लिए। अलग खेल विभाग बनाने से इसकी स्थापना हुई। इसके बाद सभी जिलों में खेल मैदान, स्टेडियम का कायाकल्प, पटना में पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का निर्माण, राजगीर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम एवं खेल परिसर समेत अन्य कई सुविधाएं तैयार की गईं। इससे खेल की आधारभूत संरचना से लेकर अन्य सभी तरह की सुविधाएं विकसित की गई। इसी का परिणाम है कि खेलो इंडिया से पहले यहां सेपक टाकरा का विश्व कप, राजगीर में महिला हॉकी का एशिया कप जैसे बेहद खास आयोजन कराए गए। बिहार की सभी पंचायतों में खेल मैदान विकसित करने की राज्य सरकार की खास योजना का क्रियान्वयन तेजी से किया जा रहा है। ताकि पंचायत स्तर पर ही युवाओं को खेल का सीधा माहौल मिले और वे इससे लाभ ले सकें।
मेडल लाओ और नौकरी पाओ
राज्य सरकार ने करीब 4-5 वर्ष पहले मेडल लाओ, नौकरी पाओ योजना की घोषणा की। इसके साथ ही खेल से जुड़े तमाम आधारभूत संरचनाओं का विकास करने से लेकर सभी जरूरी सुविधाएं मुहाल करने की कवायद शुरू हुई। इससे युवाओं में खेल में बेहतर प्रदर्शन करने की ललक बढ़ी। किसी भी खेल में बेहतरीन प्रदर्शन या राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को सचिवालय से लेकर जिला कार्यालयों में सहायक समेत अन्य समकक्ष पदों पर सीधे नौकरी देने की व्यवस्था की गई। इसका लाभ बड़ी संख्या में खिलाड़ी उठा रहे हैं।

अपने दम पर बिहार ने की सभी तैयारी
बिहार ने अपने दम पर इतने बड़े आयोजन के तैरारियों को संभाला। इसके लिए किसी बाहरी एजेंसी या कोई बाहरी बड़े कैटरर से मदद नहीं ली गई। जब खेलो इंडिया के आयोजन की जिम्मेदारी मिली, तो इससे जुड़े सभी बारीक पहलुओं पर फोकस करके सुनियोजित कार्ययोजना तैयार करने के लिए अधिकारियों और पदाधिकारियों की टीम ने तमिलनाडु और उत्तराखंड राज्यों का दौरा किया। क्योंकि इन दोनों राज्यों में पिछली बार खेल के इस महासमर का आयोजन कराया गया था। पूरे आयोजन के दौरान खिलाड़ियों के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार पर भी खासतौर से ध्यान रखा गया।
प्रत्येक 100 खिलाड़ी के लिए 29 किलो चिकेन, 16 किलो पनीर, 14 किलो चावल, 7 किलो दाल, 8 किलो गेहूं एवं 2 किलो मिलेट का आटा का प्रबंध किया गया था। इस मानक के आधार पर इनकी डायट का पूरा ध्यान रखा गया। पटना में स्थित पाटलिपुत्र स्टेडियम, आईएएस भवन के मैदान में जर्मन हैंगर तैयार करके भोजन का प्रबंध किया गया था। ताकि किसी को मौसम से परेशानी नहीं हो। इसके अलावा सभी खेल परिसरों में सुरक्षा के खासतौर से प्रबंध किए गए थे।
170 सदस्यों की टीम के अलावा बड़ी संख्या में चौबीस घंटे पुलिस बल की तैनाती की गई थी। ताकि खेल में किसी तरह का व्यवधान पैदा नहीं हो। कई व्हाट्स एप ग्रुप समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी खिलाड़ियों और अधिकारियों को आपस में जोड़ा गया था, जिससे सूचना के आदान-प्रदान में कोई बाधा नहीं हो। भोजन, सुरक्षा से लेकर अन्य सभी महत्वपूर्ण आयोजनों से संबंधित सूचना प्रसारित करने का समुचित ध्यान रखा गया था। हर आयोजन स्थल के लिए एक-एक नोडल पदाधिकारी बनाए गए थे।
बिहार ने स्थापित की खास पहचान
खेल से जुड़ी तमाम सुविधाएं और सहूलियतें विकसित होने का सीधा असर यहां की खेल प्रतिभाओं पर भी पड़ा है। बड़ी संख्या में युवा खिलाड़ी निकलकर फलक पर छा गए। पिछले सात वर्षों में खेल के क्षेत्र में 620 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इस बार सभी 28 प्रतियोगिताओं में बिहार के खिलाड़ियों ने कुल 36 पदक हासिल किए, जिसमें 7 गोल्ड शामिल हैं। पिछले वर्ष महज 5 पदक हासिल हुए थे, जिसमें सिर्फ दो गोल्ड थे। बिहार की रैंकिंग राष्ट्रीय स्तर पर सुधर कर 14वें स्थान पर आ गई है।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.