उन्नाव: सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो वायरल करने वालों पर शिकंजा, प्रशासन सख्त

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Unnao News Desk: उन्नाव जिले में एक बार फिर सोशल मीडिया की लापरवाहियों ने प्रशासन को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। रामपुर संगठन दिवस के अवसर पर मिलन पांडेय नामक युवक ने एक लिखित शिकायत सौंपी है, जिसमें कुछ स्थानीय युवकों द्वारा इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अभद्र, अश्लील और महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणियों वाले वीडियो पोस्ट करने का आरोप लगाया गया है।

शिकायत में लगाए गंभीर आरोप

शिकायतकर्ता के अनुसार, कुछ युवक समाज में फॉलोअर्स और लोकप्रियता के चक्कर में ऐसे वीडियो बना रहे हैं, जिनमें भाषा बेहद आपत्तिजनक होती है। यह सिर्फ सोशल मीडिया का दुरुपयोग नहीं, बल्कि समाज की नैतिकता और युवा पीढ़ी के सोच पर सीधा हमला है।

शिकायत में जिन युवकों के सोशल मीडिया अकाउंट का उल्लेख किया गया है, वे हैं:

  1. Pro_immu_Rider8080
  2. Ranjeet_3838
  3. Bittu_bakchod_superstar
  4. Suraj_pandit_8080
  5. Rahul_jayker_3535

राहुल जयकर के पक्ष में उठा सोशल मीडिया

हालांकि इस पूरे प्रकरण में सबसे ज्यादा चर्चा में रहा नाम राहुल जयकर का, जिसे लेकर अब सोशल मीडिया पर एक नया माहौल बनता दिख रहा है। कई लोगों का कहना है कि राहुल को बेवजह विवाद में घसीटा गया है। एक वायरल स्टोरी में लिखा गया —
“Rahul bhai log ke sath bhut galat hua hai guys jada se jada video share kro bhai log ❤️🙏”
इस ट्रेंडिंग स्टोरी को हजारों लोगों ने देखा और कई यूजर्स ने राहुल के समर्थन में स्टोरी, वीडियो और पोस्ट्स डालना शुरू कर दिया है।

प्रशासन सख्त, जांच शुरू

शिकायत मिलते ही मामला अब स्थानीय पुलिस और साइबर सेल के संज्ञान में है। सूत्रों के अनुसार, जांच शुरू हो चुकी है और संबंधित इंस्टाग्राम अकाउंट्स की गतिविधियों की निगरानी की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर वीडियो में महिलाओं या समाज के प्रति आपत्तिजनक बातें पाई जाती हैं तो संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

शिकायतकर्ता की अपील

मिलन पांडेय ने प्रशासन से आग्रह किया है कि ऐसे युवकों पर उदाहरण स्वरूप कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि अन्य कोई भी इस तरह की गलती करने से पहले सोचें। उन्होंने कहा कि यह केवल कानून का नहीं, समाज की संस्कृति और नैतिकता का भी विषय है।

क्या कहता है समाज?

वहीं, समाज के प्रबुद्धजनों और युवाओं का कहना है कि सोशल मीडिया की स्वतंत्रता को जिम्मेदारी के साथ प्रयोग करना चाहिए। अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर गाली-गलौज, अश्लीलता और महिला विरोधी टिप्पणियों को बढ़ावा देना आने वाली पीढ़ी को गलत संदेश देगा।

फिलहाल, मामला जांच के दायरे में है और यह देखना बाकी है कि दोषी कौन हैं और निर्दोष कौन। लेकिन इतना तय है कि सोशल मीडिया की ‘वर्चुअल हरकतें’ अब रीयल एक्शन की दहलीज पर पहुंच चुकी हैं।

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