फिलीपींस गोल्ड रश: अरबों डॉलर का खजाना, लेकिन रॉयल्टी में ‘लीकेज’ बड़ी चुनौती

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Image credit: Gulf News

Central News Desk: फिलीपींस, जिसे अक्सर उसके 7,640 द्वीपों और खूबसूरत समुद्री तटों के लिए जाना जाता है, अब अपनी ज़मीन के नीचे छिपे खजाने के कारण सुर्खियों में है। यह एशियाई देश सोने, तांबे और निकल जैसे धातुओं का विशाल भंडार रखता है, लेकिन खनन उद्योग आज भी कई सवालों के घेरे में है।

विशाल भंडार, लेकिन अधूरा दोहन

भूवैज्ञानिक मानते हैं कि फिलीपींस का करीब 90,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र उच्च खनिज क्षमता वाला है। बावजूद इसके, अब तक सिर्फ़ 12% हिस्से को ही खनन लीज़ पर दिया गया है। सरकार के पास भी सोने के असली उत्पादन और बिक्री का पूरा लेखा-जोखा नहीं है।

सोने की चमक

2022: 29,036 किलो सोना उत्पादन

2023: 31,046 किलो (क़ीमत करीब ₱106.53 बिलियन यानी $1.87 बिलियन)

2024: कुल धातु खनिज उत्पादन ₱252.9 बिलियन ($4.43 बिलियन) तक पहुँचा

सबसे ज़्यादा सोना निकालने वाली कंपनियों में Lepanto Consolidated, Benguet Corporation, Apex Mining और Greenstone Resources जैसी दिग्गज शामिल हैं।

रॉयल्टी और पारदर्शिता का संकट

कानून के मुताबिक सभी खनिज जनता की संपत्ति हैं और कंपनियों को 5% रॉयल्टी टैक्स देना होता है। लेकिन हकीकत यह है कि— उत्पादन और बिक्री के सही आँकड़े छुपाए जाते हैं, राजस्व में पारदर्शिता नहीं होती, और नतीजतन सरकार व स्थानीय समुदायों तक पूरा लाभ नहीं पहुँचता।

फिलीपींस सरकार ने अब मार्जिन-आधारित रॉयल्टी सिस्टम और राजस्व ट्रैकिंग लागू करने का रोडमैप तैयार किया है।

बड़े प्रोजेक्ट्स और भविष्य

Silangan Mine (Surigao del Norte): 2025 में उत्पादन शुरू होने की उम्मीद

Tampakan Copper-Gold Mine (South Cotabato): 2026 से संचालन

ये प्रोजेक्ट्स अरबों डॉलर का निवेश ला सकते हैं, लेकिन पर्यावरण और स्थानीय समुदायों की चिंता भी बढ़ाएँगे।

निकल की दौड़

सोने के साथ निकल भी तेजी से चर्चाओं में है। EV बैटरी और ग्रीन एनर्जी की बढ़ती मांग ने इसकी अहमियत बढ़ा दी है।

2024 में 44.97 मिलियन wmt निकेल अयस्क का निर्यात,

जिसमें से 35.12 मिलियन चीन और 9.55 मिलियन इंडोनेशिया गया।
इंडोनेशिया की तरह फिलीपींस निकेल निर्यात पर बैन लगाएगा या नहीं, यह अभी अनिश्चित है।

खनन का क्रॉसरोड

फिलीपींस की खनन इंडस्ट्री एक चौराहे पर खड़ी है— एक तरफ़ अरबों डॉलर की संभावना है, दूसरी ओर पारिस्थितिकी, पारदर्शिता और स्थानीय जनता का भविष्य।

अगर सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कर पाती है तो देश के लिए यह “गोल्डन एरा” साबित हो सकता है, वरना खनन पुराने जख्मों को फिर कुरेद देगा।

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