NH-66 धंसने पर संसद में लोक लेखा समिति की रिपोर्ट — “आधी लागत पर काम, जवाबदेही गायब”

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Central News Desk: केरल के कन्याकुमारी को महाराष्ट्र से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-66 (NH 66) का एक हिस्सा 19 मई को जमीन में धंस गया था। इस हादसे में सड़क पर बड़ा गड्ढा बन गया और मिट्टी धंसने से पूरी सड़क नीचे चली गई। घटना के समय मानसून की भारी बारिश ने स्थिति और गंभीर कर दी।

संसद में पेश हुई जांच रिपोर्ट
लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) ने इस मामले पर संसद में रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट के मुताबिक, हाईवे के पुनर्निर्माण का काम स्वीकृत लागत (Sanctioned Cost) से लगभग आधी कीमत पर दिया गया था। मल्लापुरम, कन्नूर और कासरगोड में चौड़ीकरण का काम मंजूर बजट के 54% पर और कदम्बट्टुकोणम से कझाकुट्टम के बीच पुनर्निर्माण का काम सिर्फ 22% लागत पर सौंपा गया।

निर्माण से पहले स्थानीय सलाह की सिफारिश
कमेटी ने सुझाव दिया है कि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निर्माण कार्य से पहले उस इलाके के सांसदों, विधायकों, शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों, साथ ही आपदा प्रबंधन अधिकारियों से सलाह लेना जरूरी है।

तटबंध और भूमि अधिग्रहण की समस्याएं
रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्थायी मिट्टी पर बने कई हाईवे पर ऊंचे तटबंध (embankments) नहीं बनाए गए। वहीं, भूमि अधिग्रहण में अड़चनों के कारण निर्माण सही ढंग से नहीं हो सका, जिससे असुरक्षा की स्थिति बनी रही।

सब-कॉन्ट्रैक्टर्स पर उंगली
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के हवाले से समिति ने कहा कि सड़क से जुड़े प्रोजेक्ट सब-कॉन्ट्रैक्टर्स को दिए जा रहे थे, लेकिन उनकी जवाबदेही लगभग न के बराबर थी। यह लापरवाही भी हादसे के पीछे एक अहम कारण मानी जा रही है।

देशभर में चिंता का माहौल
NH-66 के धंसने की घटना ने पूरे देश में चिंता बढ़ा दी थी, क्योंकि यह हाइवे दक्षिण भारत के तटीय राज्यों को जोड़ने वाला अहम मार्ग है। अब समिति की रिपोर्ट ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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