भारत को 2026 तक मिलेंगी एस-400 की शेष दो यूनिटें, रूस ने दी एसयू-57ई फाइटर जेट की पेशकश

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भारत-रूस रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयां, ड्रोन विरोधी सिस्टम और मेक इन इंडिया पर जोर

World News Desk: भारत और रूस के बीच मजबूत हो रहे रक्षा संबंधों को एक और मजबूती मिली है। रूस ने पुष्टि की है कि वह 2026 तक भारत को एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली की शेष दो यूनिटें सौंप देगा। भारत में रूस के मिशन उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने यह जानकारी साझा की। उन्होंने यह भी बताया कि हाल के भारत-पाक तनाव के दौरान पहले से तैनात एस-400 इकाइयों ने प्रभावी प्रदर्शन किया।

भारत-रूस रक्षा साझेदारी में नया उत्साह

बाबुश्किन ने वायु रक्षा और ड्रोन-रोधी तकनीकों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा, “वायु सुरक्षा प्रणाली भारत-रूस साझेदारी के लिए आशाजनक क्षेत्र है। हम इस पर बातचीत को लेकर उत्साहित हैं।” 2018 में भारत ने रूस के साथ 5.43 अरब डॉलर में एस-400 मिसाइल प्रणाली के पांच स्क्वाड्रनों का सौदा किया था। तीन स्क्वाड्रन पहले ही भारत को मिल चुके हैं।

ड्रोन से सुरक्षा में रूस की विशेषज्ञता

ड्रोन के बढ़ते खतरे पर बाबुश्किन ने कहा कि रूस इस चुनौती का वर्षों से सामना करता आ रहा है और उसके सिस्टम लगातार अपडेट किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “भारत और रूस के बीच एंटी-ड्रोन सिस्टम को लेकर सहयोग पहले से रक्षा संवाद का हिस्सा है। दोनों देशों के लिए यह साझा हित का विषय है।”

Courtesy: IndiaNews

भारत को एसयू-57ई फाइटर जेट देने की पेशकश

रूस ने भारत को अपनी पांचवीं पीढ़ी के अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर जेट एसयू-57ई की पेशकश की है। खास बात यह है कि यह प्रस्ताव भारत की मेक इन इंडिया पहल के तहत दिया गया है, जिससे इस उन्नत विमान का निर्माण भारत में ही संभव हो सकेगा। रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन द्वारा निर्मित यह जेट दुनिया के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है।

एस-400 डिफेंस सिस्टम की अंतिम दो यूनिटों की डिलीवरी, ड्रोन रोधी तकनीक में सहयोग और एसयू-57ई जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान की पेशकश भारत-रूस रक्षा संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाती है। यह साझेदारी दोनों देशों की सामरिक क्षमताओं को मजबूत करने के साथ-साथ तकनीकी आत्मनिर्भरता को भी प्रोत्साहित करेगी।

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