ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सर्जिकल कार्रवाई पर अमेरिका, रूस और इस्राइल सहित विश्व की तीखी प्रतिक्रिया

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Central News Desk : पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर भारत द्वारा की गई सर्जिकल कार्रवाई — ऑपरेशन सिंदूर — ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है। यह अभियान 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में शुरू किया गया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे।

भारतीय वायुसेना और मिसाइल यूनिट्स द्वारा एक साथ चलाए गए इस समन्वित ऑपरेशन में कई आतंकी लॉन्चपैड और प्रशिक्षक शिविर ध्वस्त किए गए। रक्षा सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई ‘सटीक और सीमित’ थी, जिसका उद्देश्य केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: संयम और कूटनीति की अपील

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आशा जताई कि यह स्थिति जल्द ही शांत हो जाएगी। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “हमने इस घटनाक्रम की जानकारी अभी प्राप्त की है। मुझे लगता है, अतीत की कुछ घटनाओं को देखते हुए लोग अनुमान लगा सकते थे कि ऐसा कुछ हो सकता है। दोनों देश काफी समय से एक-दूसरे से टकराव की स्थिति में हैं। मेरी बस यही कामना है कि हालात जल्द सामान्य हो जाएं।

रूस ने भी संतुलित रुख अपनाते हुए शांति की अपील की है। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना बेहद आवश्यक है और दोनों देशों को शिमला समझौते की भावना के अनुरूप कार्य करना चाहिए।

इस्राइल ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया

भारत की इस कार्रवाई पर सबसे सशक्त समर्थन इस्राइल से आया। भारत में इस्राइली राजदूत ने साफ शब्दों में कहा, “आतंक के खिलाफ कार्रवाई भारत का वैध और आवश्यक अधिकार है। आतंकवादियों को यह स्पष्ट संकेत जाना चाहिए कि वे कहीं भी हों, न्याय से बच नहीं सकते।”

अरब देशों की सतर्क प्रतिक्रिया

संयुक्त अरब अमीरात, कतर और सऊदी अरब जैसे खाड़ी देशों ने घटना पर चिंता जताई, लेकिन इनमें से किसी ने भी पाकिस्तान के पक्ष में खुलकर बयान नहीं दिया। कूटनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक दृष्टिकोण धीरे-धीरे बदल रहा है और भारत की स्थिति को अधिक गंभीरता से लिया जा रहा है।

चीन ने ‘दोनों पक्षों’ से संयम की अपील की

चीन ने अपेक्षित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता आवश्यक है, और सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए। हालांकि, चीन ने सीधे तौर पर भारत की कार्रवाई की निंदा नहीं की।

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