ट्रंप की टैरिफ नीति और वैश्विक न्यायिक फैसले बदल रहे हैं सप्लाई चेन का चेहरा, भारत बना रहा है नई रणनीति

Central News Desk : दुनिया भर में वैश्विक आपूर्ति शृंखलाएं (ग्लोबल सप्लाई चेन) तेजी से बदल रही हैं, और इसके पीछे कई बड़े कारण हैं—अमेरिका की टैरिफ नीतियां, ट्रंप की संभावित वापसी की आशंका और संबंधित अदालती फैसले। इन बदलती परिस्थितियों में भारत वैश्विक आर्थिक मंच पर खुद को एक भरोसेमंद और मजबूत विकल्प के रूप में स्थापित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है।
ट्रंप की टैरिफ नीति का असर
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए अमेरिका ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत चीन से आयात होने वाले उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाए। अब, जब ट्रंप एक बार फिर चुनावी दौड़ में हैं और टैरिफ युद्ध की वापसी की संभावना बन रही है, तो बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के विकल्प तलाश रही हैं। यही वजह है कि भारत जैसे देशों को नई भूमिका निभाने का मौका मिल रहा है।
अदालतों की भूमिका भी अहम
हाल ही में अमेरिकी अदालतों द्वारा दिए गए कुछ फैसलों से यह स्पष्ट हुआ है कि नीतियों में अनिश्चितता और वैधानिक विवाद भी कंपनियों को अपने विनिर्माण अड्डे स्थानांतरित करने पर मजबूर कर रहे हैं। कंपनियों के लिए स्थिर और स्पष्ट नियम-कानून आज की सबसे बड़ी प्राथमिकता बन चुके हैं।

भारत की रणनीति और पहल
भारत सरकार ने “मेक इन इंडिया” और “पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन)” योजनाओं के जरिए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में आक्रामक रणनीति अपनाई है। इसके साथ ही लॉजिस्टिक्स, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, और व्यापार सुगमता (Ease of Doing Business) पर भी तेजी से काम किया जा रहा है।
Apple, Samsung जैसी दिग्गज कंपनियों ने भारत में अपने विनिर्माण संयंत्र बढ़ाए हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, ऑटो और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है।
दक्षिण एशिया में भारत सबसे स्थिर और लोकतांत्रिक विकल्प के रूप में उभर रहा है।

वैश्विक आपूर्ति शृंखला में भारत की संभावनाएं
विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले वर्षों में भारत ‘चीन +1’ रणनीति का सबसे बड़ा लाभार्थी हो सकता है। अमेरिका, जापान, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसी अर्थव्यवस्थाएं अब भारत को दीर्घकालिक साझेदार के रूप में देख रही हैं।
अमेरिकी नीतिगत अस्थिरता और टैरिफ विवादों ने जहां वैश्विक व्यापार व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है, वहीं भारत ने इस स्थिति को अवसर में बदलने की काबिलियत दिखाई है। अगर भारत सरकार नीतिगत स्पष्टता और कारोबारी माहौल को लगातार सुधारती रही, तो आने वाले दशक में भारत वैश्विक आपूर्ति शृंखला का अहम केंद्र बन सकता है।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.