“राशन के नाम पर लूटा देश का अन्न: एक आधार कार्ड से 100 लोगों को बांटा गया राशन, CID जांच में चौंकाने वाले खुलासे”

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यूपी के तीन मंडलों में हुआ करोड़ों का घोटाला, नाबालिगों को भी बनाया गया फर्जी लाभार्थी

Central News Desk: उत्तर प्रदेश में गरीबों को मिलने वाले मुफ्त राशन में भारी घोटाले का खुलासा हुआ है। CID की जांच में सामने आया है कि बरेली, आगरा और मेरठ मंडल में एक ही आधार कार्ड का बार-बार उपयोग कर 90 से 100 अपात्र लोगों को राशन वितरित किया गया। इस गड़बड़ी में नाबालिगों के नाम का भी दुरुपयोग किया गया।

कोटेदारों और अधिकारियों की साठगांठ
CID जांच में सामने आया कि यह घोटाला राशन डीलरों (कोटेदारों) और जिला खाद्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया। सिस्टम में लाभार्थियों की जानकारी बदलकर फर्जी तरीके से राशन उठाया गया और शासन को असली आधार नंबर की रिपोर्ट भेजी गई।

134 में से 110 केस निस्तारित, कई अधिकारी घोटाले में दोषी पाए गए
CID ने तीन मंडलों में 2015 से 2018 के बीच दर्ज हुए 134 मामलों में से 110 की जांच पूरी कर ली है। इसमें कई ADM, जिला पूर्ति अधिकारी (DSO) और निरीक्षकों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। शासन से इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की संस्तुति की गई है।

मेरठ में तत्कालीन DSO के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश
मेरठ मंडल में तत्कालीन DSO विकास गौतम पर भी कार्रवाई की तैयारी है। उनके खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल हो चुका है। कई राशन विक्रेताओं, कंप्यूटर ऑपरेटरों और निरीक्षकों पर भी केस दर्ज किए गए हैं।

फर्जी अंगूठे से राशन न मिले, इसके लिए नई तकनीक लागू
मुख्य सचिव खाद्य एवं खाद्य आयुक्त रणवीर प्रसाद ने बताया कि अब राशन दुकानों पर L-1 तकनीक की डिवाइस लगाई जा रही है, जो केवल जीवित व्यक्ति के अंगूठे की पहचान करेगी। इससे अंगूठे की नकल कर फर्जीवाड़ा करना असंभव होगा। 30 जून तक सभी दुकानों पर यह सिस्टम लागू किया जाएगा।

सरकार की सख्ती: गरीबों को हक दिलाना सर्वोच्च प्राथमिकता
CID के डीजी दिपेश जुनेजा ने कहा कि सरकार गरीबों को उनका राशन हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। खाद्यान्न घोटाले से जुड़े सभी मामलों की जांच तेज़ी से की जा रही है और दोषियों को जल्द सजा दिलाई जाएगी।

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