शामली में एक घंटे में ट्रेन पलटाने की साजिश! 20 फीट पाइप और भारी पत्थर से बाधित किया गया ट्रैक, जांच में जुटी एजेंसियां

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Central News Desk:शनिवार रात को शामली और बलवा के बीच दिल्ली-शामली पैसेंजर ट्रेन को पलटाने की साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया गया। महज एक घंटे के भीतर शरारती तत्वों ने रेलवे ट्रैक पर 20 फीट लंबा लोहे का नलकूप पाइप, टूटे सीमेंट पाइप और भारी-भरकम पत्थरों को रखकर ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने की कोशिश की।

रेलवे अफसरों के मुताबिक, घटना से महज एक घंटे पहले ही एक ट्रेन उसी ट्रैक से गुजर चुकी थी, जिससे साफ है कि यह साजिश सुनियोजित तरीके से उसी ट्रेन के जाने के तुरंत बाद रची गई। दिल्ली से शामली जा रही 64021 पैसेंजर ट्रेन के चालक जोगेंद्र सिंह ने सूझबूझ दिखाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को समय रहते रोक दिया।

जीआरपी और आरपीएफ की शुरुआती जांच में पता चला है कि इस साजिश में पांच या उससे अधिक लोग शामिल हो सकते हैं, क्योंकि भारी पाइप और पत्थरों को एक या दो लोग ट्रैक पर नहीं रख सकते।

साजिश या आतंकी योजना?

अब यह जांच का विषय बन गया है कि यह शरारत थी या किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश। खुफिया एजेंसियां, रेलवे सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से जांच में जुटी हैं। गौरतलब है कि शामली में इससे पहले भी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के मामले सामने आ चुके हैं।

साल 2019 में जैश-ए-मोहम्मद के नाम से एक धमकी भरी चिट्ठी भेजी गई थी, जिसमें शामली समेत उत्तर भारत के कई प्रमुख रेलवे स्टेशनों और धार्मिक स्थलों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। इसके अलावा कैराना और शामली के कुछ स्थानीय लोगों को आईएसआई और पाकिस्तान से जुड़े मामलों में गिरफ्तार भी किया जा चुका है।

रेलवे अधिकारियों का बयान:

दिल्ली रेलवे के कमांडेंट ज्योति मणि ने घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद बताया कि ट्रैक के पास जानबूझकर पाइप रखा गया था। उन्होंने माना कि यह एक गहरी साजिश है, लेकिन अभी इसे आतंकी घटना मानने से इंकार किया है।

उत्तर रेलवे के यातायात निरीक्षक सुनील धीमान ने जानकारी दी कि इससे पहले भी कांधला और रुड़की रेलवे रूट पर ऐसे प्रयास हो चुके हैं, जिन्हें समय रहते विफल कर दिया गया।

पुलिस और एजेंसियां जांच में जुटीं:

एसपी शामली रामसेवक गौतम ने बताया कि पुलिस हर एंगल से मामले की गहनता से जांच कर रही है। शरारत और आतंकी साजिश दोनों पहलुओं पर काम हो रहा है।

निष्कर्ष:
रेलवे सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की सतर्कता और ट्रेन चालक की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया। लेकिन यह घटना एक बार फिर रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जांच पूरी होने तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी, लेकिन खतरे की गंभीरता से इनकार नहीं किया जा सकता।

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