राहुल गांधी का ‘स्वीकारोक्ति भाषण’: मोदी को बताया ‘शो’

Central News Desk:, आपने और मीडिया ने उन्हें सिर पर चढ़ा रखा है। असल में यह सब बस एक शो है।” राहुल गांधी के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
राहुल गांधी का खुला कबूलनामा
कांग्रेस के ‘भागीदारी न्याय सम्मेलन’ में राहुल गांधी ने अपनी राजनीतिक कमजोरियों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा,
“ओबीसी, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यकों को मैंने वह संरक्षण नहीं दिया, जो देना चाहिए था। यह मेरी गलती थी, कांग्रेस की नहीं।”
उन्होंने साफ कहा कि अब उनकी प्राथमिकता केवल जातिगत जनगणना नहीं, बल्कि वंचित वर्गों को सम्मान और निर्णय की शक्ति दिलाना है।

तेलंगाना मॉडल पर फोकस
राहुल गांधी ने अपने भाषण में तेलंगाना मॉडल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वहां की सरकार के पास ऐसा डेटा है, जिससे हर जाति और वर्ग के लोगों की सटीक जानकारी है। उनका दावा है कि इसी मॉडल को अपनाकर वास्तविक भागीदारी और सम्मान दिया जा सकता है।
पैकेज नहीं, हक की जरूरत
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि दलित, ओबीसी और आदिवासी समुदाय को सिर्फ विकास पैकेजों के नाम पर बहलाया गया। उन्होंने कहा,
“पैकेजों की बातें होती हैं, लेकिन हक नहीं मिलता। असली सवाल यह है कि निर्णय लेने की मेज पर इन वर्गों की कितनी भागीदारी है।”
शिक्षा में बहुभाषी दृष्टिकोण
राहुल गांधी ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा,
“हिंदी और क्षेत्रीय भाषाएं जरूरी हैं, लेकिन अंग्रेज़ी भी उतनी ही जरूरी है। वंचित वर्गों के लिए बहुभाषी मॉडल अपनाना चाहिए, जिससे उन्हें अधिक अवसर मिलें।”
क्या यह 2029 की तैयारी?
राहुल गांधी का यह बयान राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े करता है। क्या यह लोकसभा चुनाव की हार के बाद OBC कार्ड खेलने की रणनीति है, या राहुल गांधी ने वास्तव में आत्मनिरीक्षण शुरू किया है?
क्या कांग्रेस अब OBC नेतृत्व को फ्रंट पर लाएगी?
क्या कांग्रेस शासित राज्यों में जातिगत जनगणना लागू होगी?
50% आरक्षण सीमा तोड़ने का साहस क्या पार्टी दिखा पाएगी?
राहुल बनाम मोदी: नई रणनीति
राहुल गांधी ने मोदी को ‘ओवरहाइप्ड शो’ बताते हुए खुद को बदलाव के प्रतीक के रूप में पेश करने की कोशिश की है। उनका मानना है कि असली लड़ाई सत्ता में वंचित वर्गों की भागीदारी और सम्मान की है। अब यह देखना बाकी है कि उनका यह ‘माफीनामा’ कांग्रेस के लिए नई दिशा बनाएगा या केवल राजनीतिक ध्यान बटोरने की कोशिश साबित होगा।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.