ऑपरेशन ‘मिडनाइट हैमर’: 25 मिनट में अमेरिका ने तबाह किए ईरान के परमाणु ठिकाने, ट्रंप ने दी दो टूक चेतावनी

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National News Desk: पश्चिम एशिया में तनाव अब बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। अमेरिका ने ईरान के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा और गुप्त सैन्य हमला किया है। इस ऑपरेशन को ‘मिडनाइट हैमर’ नाम दिया गया और इसे रविवार तड़के अंजाम दिया गया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर शुरू हुए इस मिशन में ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकानों – फोर्दो, नतांज और इस्फहान – को निशाना बनाकर भारी नुकसान पहुंचाया गया।

125 से अधिक लड़ाकू विमान और टॉमहॉक मिसाइलें शामिल

अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन के अनुसार, इस ऑपरेशन में 125 से ज्यादा अमेरिकी विमान, टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें, और अत्याधुनिक निगरानी प्रणालियों का प्रयोग किया गया।

  • सात B-2 स्टील्थ बमवर्षकों ने अमेरिका से उड़ान भरकर 30,000 पाउंड वजनी बंकर-बस्टर बम गिराए, जो जमीन के भीतर बने बंकरों को भी भेद सकते हैं।
  • टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें अमेरिका की एक पनडुब्बी से इस्फहान शहर पर दागी गईं, ताकि ईरान के रडार और सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम को निष्क्रिय किया जा सके।
  • इस मिशन को पूर्वी समयानुसार सुबह 6:40 बजे शुरू किया गया और 7:00 बजे तक सभी अमेरिकी विमान वापस लौट आए।

जनरल डैन केन का खुलासा – एक साथ तीन ठिकानों पर हमला

संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के प्रमुख जनरल डैन केन ने पेंटागन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि यह हमला अमेरिकी सेंट्रल कमांड के जनरल एरिक कुरिल्ला की अगुवाई में हुआ।
उन्होंने कहा –

“हमने एक ही समय में तीन परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। हमला इतना गोपनीय था कि ईरान को पता ही नहीं चला कि कब उनके एयरस्पेस में घुसकर बम गिरा दिए गए। यह अमेरिका की वैश्विक सटीकता और ताकत का प्रतीक है।”

इस दौरान कुछ विमानों को जानबूझकर पैसिफिक की ओर भेजा गया ताकि भ्रम की स्थिति बने और असली स्ट्राइक टीम चुपचाप ईरान की सीमा में घुस जाए।


अमेरिकी रक्षा मंत्री ने बताया – क्यों जरूरी था यह ऑपरेशन

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा कि यह ऑपरेशन राष्ट्रपति ट्रंप की स्पष्ट और साहसी रणनीति का हिस्सा था।

“हमारा उद्देश्य ईरानी जनता को नुकसान पहुंचाना नहीं था। हमारा निशाना सिर्फ उनके परमाणु कार्यक्रम के ठिकाने थे। अगर ईरान शांति का रास्ता नहीं चुनेगा, तो हम फिर से कार्रवाई करेंगे।”

उन्होंने बताया कि ईरान के ठिकानों को चुनते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे


“अब अमेरिका की धमकी नहीं, कार्रवाई असली है” – ट्रंप

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिनके आदेश पर यह ऑपरेशन किया गया, ने व्हाइट हाउस से बयान में कहा –

“हमने ईरान के परमाणु ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया है। यह दुनिया को दिखाता है कि अमेरिका अब शब्दों से नहीं, काम से जवाब देता है।”

उन्होंने दो टूक कहा कि अमेरिका युद्ध नहीं चाहता, लेकिन यदि कोई खतरा हुआ तो वह तुरंत और निर्णायक कार्रवाई करेगा।


इस्राइल भी ऑपरेशन का हिस्सा, हाई लेवल प्लानिंग

रक्षा मंत्री हेगसेथ ने बताया कि इस ऑपरेशन में इस्राइल की खुफिया एजेंसियों और सैन्य अधिकारियों ने भी सहयोग किया।

  • “यह अभियान दिशाभ्रम, साइबर हमलों, और उपग्रह संचार जैसी हाई-टेक रणनीतियों से लैस था।”
  • इतिहास में पहली बार MOP (Massive Ordnance Penetrator) जैसे बमों का इस्तेमाल किया गया, जिनका वजन 30,000 पाउंड होता है और जो जमीन के नीचे छिपे ठिकानों को नष्ट कर सकते हैं।

हवा, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबर – चारों दिशाओं से हमला

इस ऑपरेशन में अमेरिका ने चारों डोमेन – वायु, जल, अंतरिक्ष और साइबर – से हमला किया।

  • पनडुब्बियों से मिसाइलें,
  • उपग्रहों से निगरानी,
  • फाइटर जेट्स से लाइव अटैक,
  • और साइबर कमांड से ईरानी सिस्टम को ब्लाइंड किया गया।

जनरल डैन केन ने कहा,

“18 घंटे की लंबी उड़ान, हवा में कई बार फ्यूलिंग, बिल्कुल सटीक टाइमिंग – दुनिया की कोई भी सेना ऐसा ऑपरेशन नहीं कर सकती।”


ईरान की चुप्पी और अगला कदम

फिलहाल ईरान की ओर से इस हमले पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है। ना तो किसी जवाबी हमले की पुष्टि हुई है और ना ही ईरानी मीडिया ने हमले की तस्वीरें साझा की हैं।
कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऑपरेशन एकतरफा कार्रवाई नहीं बल्कि भविष्य के लिए अमेरिका की नई रणनीतिक स्थिति की झलक है।


निष्कर्ष: एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है पश्चिम एशिया

मिडनाइट हैमर‘ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि अमेरिका की नई भू-राजनीतिक सोच का प्रदर्शन है। इससे ईरान को सख्त संदेश गया है कि अब सिर्फ बातचीत या चेतावनी नहीं होगी – अब हर कदम सटीक और निर्णायक होगा
पश्चिम एशिया अब एक नए युग की ओर बढ़ रहा है, जहां परमाणु महत्वाकांक्षाओं और सैन्य सटीकता के बीच की लड़ाई और तीव्र हो सकती है।

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