मोदी-ट्रंप की 35 मिनट फोन बातचीत: ऑपरेशन सिंदूर, आतंकवाद, इजरायल-ईरान संकट और QUAD पर हुई चर्चा

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Img. Source: Google News

Central News desk: G-7 समिट के बीच एक बड़ी कूटनीतिक हलचल सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सोमवार को फोन पर 35 मिनट लंबी बातचीत हुई, जो कई दृष्टिकोणों से बेहद अहम मानी जा रही है। यह बातचीत उस समय हुई जब इजरायल-ईरान युद्ध, G-7 समिट और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दे अंतरराष्ट्रीय मंच पर गर्माए हुए हैं।

क्यों अहम है यह बातचीत?

ट्रंप की भारत के प्रति रणनीतिक दिलचस्पी और आतंकवाद पर सख्त रुख पहले से स्पष्ट रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी यह बातचीत आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई और अमेरिका के समर्थन को लेकर निर्णायक मानी जा रही है।

विदेश सचिव : विक्रम मिस्री

विदेश सचिव ने दी जानकारी:

विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार यह मुलाकात G-7 समिट के दौरान होनी थी, लेकिन ट्रंप को इजरायल-ईरान युद्ध के चलते अमेरिका लौटना पड़ा। इसके बाद ट्रंप के अनुरोध पर यह बातचीत फोन पर हुई।

बातचीत के मुख्य बिंदु:

आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर:

पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि भारत अब आतंकवाद को “प्रॉक्सी वॉर” नहीं बल्कि “युद्ध” मानता है। 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद, भारत ने 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के तहत POK और पाकिस्तान में केवल आतंकी ठिकानों को टारगेट किया। 9-10 मई की रात पाकिस्तान के जवाबी हमले का भारत ने सशक्त जवाब दिया और पाकिस्तानी एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया।

मध्यस्थता से इनकार:

मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट कहा कि भारत ने कभी भी भारत-पाक मध्यस्थता स्वीकार नहीं की थी और न ही करेगा। यह मुद्दा केवल भारत और पाकिस्तान के बीच की सैन्य बातचीत तक सीमित रहा।

इजरायल-ईरान संघर्ष:

दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र में चल रहे युद्ध पर चिंता जताई और इसे वैश्विक स्थिरता के लिए गंभीर खतरा माना।

रूस-यूक्रेन संकट:

दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि इस संघर्ष को खत्म करने के लिए सीधी बातचीत जरूरी है।

इंडो-पैसिफिक और QUAD:

दोनों नेताओं ने QUAD की भूमिका को लेकर एक जैसी राय रखी।

पीएम मोदी ने ट्रंप को अगली QUAD बैठक के लिए भारत आने का न्यौता भी दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार किया।

पीएम मोदी की दो टूक:

“भारत अब आतंक के खिलाफ हर मोर्चे पर निर्णायक कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। गोली का जवाब अब गोले से मिलेगा।”

ट्रंप का समर्थन:

राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन किया। उन्होंने भारत को अमेरिका का अहम साझेदार बताते हुए, दोनों देशों के मजबूत रिश्तों की सराहना की।

मोदी-ट्रंप की यह बातचीत न केवल भारत-अमेरिका संबंधों को नई दिशा देती है, बल्कि यह भारत के आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख और वैश्विक राजनीति में उसकी सक्रिय भूमिका को भी दर्शाती है। QUAD, ऑपरेशन सिंदूर और इजरायल-ईरान युद्ध जैसे मुद्दों पर यह वार्ता भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण को और मजबूती प्रदान करती है।

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