मालेगांव धमाका केस: 17 साल बाद कोर्ट का फैसला, साध्वी प्रज्ञा समेत सभी 7 आरोपी बरी

Central News Desk: मालेगांव बम विस्फोट मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को साबित सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि मामले में आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त और विश्वसनीय साक्ष्य पेश नहीं किए जा सके।
क्या कहा कोर्ट ने?
कोर्ट ने कहा कि—धमाके में उपयोग की गई मोटरसाइकिल का संबंध साध्वी प्रज्ञा से साबित नहीं हुआ। कर्नल पुरोहित के घर से आरडीएक्स मिलने के सबूत नहीं मिले। आरोपियों पर UAPA जैसे कड़े कानून लगाने का आधार नहीं बनता। गवाहों ने कोर्ट में बयान बदल दिए, जिससे अभियोजन पक्ष का केस कमजोर हुआ।
कोर्ट में मौजूद थे सभी आरोपी
फैसले के दौरान सभी सात आरोपी कोर्ट में मौजूद थे। फैसला आते ही उनके चेहरे पर राहत के भाव नजर आए। अदालत ने कहा कि मामले में संदेह तो है, लेकिन संदेह के आधार पर सजा नहीं दी जा सकती।

धमाके से दहले थे मालेगांव के लोग
29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक मोटरसाइकिल में बम रखकर धमाका किया गया था, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह मामला उस वक्त पूरे देश में सनसनी बना था।
ये थे मुख्य आरोपी
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर – वर्तमान में बीजेपी सांसद, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी
क्या थे आरोप?
एटीएस ने आरोप लगाया था कि— कर्नल पुरोहित ने कश्मीर से आरडीएक्स लाकर अपने घर में छिपाया। बम को सुधाकर चतुर्वेदी के देवलाली स्थित घर में तैयार किया गया। बाइक पर बम प्रवीण टक्कलकी, रामजी कालसांगरा और संदीप डांगे ने लगाया था, जो अब भी फरार हैं। साजिश रचने की बैठकें जनवरी 2008 में फरीदाबाद, भोपाल और नासिक में हुई थीं।
2009 में दाखिल हुई थी पहली चार्जशीट
एनआईए ने इस मामले में 2009 में पहली चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 11 आरोपी थे और 3 वांटेड घोषित किए गए थे। लेकिन केस की जांच के दौरान कई गवाह अपने बयान से पलट गए, जिससे मामला कमजोर होता चला गया।
फैसले के बाद क्या बोले वकील?
बचाव पक्ष के वकीलों ने फैसले को “सत्य की जीत” बताया है। वहीं अभियोजन पक्ष ने संकेत दिए हैं कि वे उच्च अदालत में इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.