महाराष्ट्र में त्रिभाषा फार्मूले पर घमासान: हिंदी को थोपने की कोशिश के खिलाफ ठाकरे और पवार एकजुट

Img. Credit: NDTV
Central News Desk: महाराष्ट्र सरकार द्वारा कक्षा 1 से 4 तक हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने के फैसले पर राज्य में बड़ा सियासी बवाल खड़ा हो गया है। शिवसेना (उद्धव गुट), महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और कई मराठी सांस्कृतिक संगठनों ने इस कदम को राज्य की भाषाई अस्मिता पर हमला बताया है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खुली चुनौती देते हुए कहा, “अगर हिम्मत है तो हिंदी जबरदस्ती थोपकर दिखाइए। मुंबई में हिंदू बनाम हिंदू की लड़ाई खड़ी करने की साजिश हो रही है और हम इसे सफल नहीं होने देंगे। हमें हमारी मातृभाषा मराठी पर गर्व है।”
उद्धव ठाकरे ने इस फैसले को महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान पर सीधा हमला बताया और कहा कि हिंदी को थोपने की कोशिशों को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राज ठाकरे और मराठी संगठनों ने भी उठाई आवाज
उद्धव ठाकरे के विरोध में शामिल होते हुए राज ठाकरे की पार्टी MNS और कई मराठी संगठनों ने भी त्रिभाषा फार्मूले पर नाराजगी जताई। इनका मानना है कि मराठी भाषी समाज की उपेक्षा कर हिंदी को प्राथमिकता देना न केवल असमानता है, बल्कि यह राज्य की भाषाई विविधता पर हमला है।
शरद पवार ने कहा – हिंदी जरूरी है, मगर थोपना नहीं चाहिए
इस विवाद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “देश की 55 फीसदी आबादी हिंदी बोलती है, इसलिए हिंदी भाषा सीखना ज़रूरी है। लेकिन इसे अनिवार्य बनाकर बच्चों पर थोपना ठीक नहीं है। जो बच्चे हिंदी पढ़ना चाहते हैं, उन्हें विकल्प दिया जाए।”
पवार ने साफ किया कि फिलहाल हिंदी कक्षा 5 से पढ़ाई जाती है, ऐसे में कक्षा 1 से 4 तक इसे अनिवार्य बनाना उचित नहीं है।
सरकार ने दिया विचार-विमर्श का आश्वासन
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि ‘त्रिभाषा सूत्र’ पर अंतिम निर्णय लेने से पहले साहित्यकारों, भाषा विशेषज्ञों, राजनीतिक दलों और सभी संबंधित पक्षों से बातचीत की जाएगी। सोमवार रात इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री निवास ‘वर्षा’ में अहम बैठक भी हुई, जिसमें भाषा नीति को लेकर व्यापक चर्चा की गई।
फडणवीस ने भरोसा दिलाया है कि राज्य के हित में ही कोई निर्णय लिया जाएगा और अन्य राज्यों में त्रिभाषा नीति के अनुभवों का भी अध्ययन किया जाएगा।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.