बेरोजगारी दर में उछाल: मई में 5.6% पहुंचा आंकड़ा, युवा और महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित

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Central News Desk: देश में बेरोजगारी एक बार फिर बहस का मुद्दा बन गई है। केंद्र सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मई 2025 में बेरोजगारी दर बढ़कर 5.6% पर पहुंच गई है, जो अप्रैल में 5.1% थी। यह जानकारी सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मासिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) से सामने आई है।

इस बढ़ोतरी की वजह मौसमी बदलाव, रबी फसल की कटाई के बाद गिरती कृषि गतिविधियां और भीषण गर्मी मानी जा रही है, जिससे खासकर ग्रामीण और मजदूर वर्ग प्रभावित हुआ है।

कौन-कौन प्रभावित हुआ?

पुरुष बनाम महिलाएं

पुरुषों की बेरोजगारी दर: 5.6%

महिलाओं की बेरोजगारी दर: 5.8%
यानी महिलाएं थोड़ा ज्यादा प्रभावित हैं।

युवाओं पर सबसे बड़ी चोट

15 से 29 साल के युवाओं में बेरोजगारी दर बढ़कर 15% हो गई है (अप्रैल में 13.8%)।

महिला युवाओं में ये दर 16.3% तक पहुंच गई है।

पुरुष युवाओं में ये दर 13.6% से बढ़कर 14.5% हो गई।

बनाम

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति

शहरी बेरोजगारी दर: 17.2% 17.9%

ग्रामीण बेरोजगारी दर: 12.3% 13.7%

इन आंकड़ों से साफ है कि गर्मी और कृषि सुस्ती ने दोनों ही क्षेत्रों को प्रभावित किया है।

अन्य चिंताजनक संकेत

श्रम बल भागीदारी दर (LFPR)

अप्रैल: 55.6%

मई: 54.8%

काम करने वालों की संख्या (WPR)

अप्रैल: 52.8%

मई: 51.7%

ग्रामीण WPR: 54.1%

शहरी WPR: 46.9%

कृषि ठप, मेहनत का काम रुका

रबी की फसल कटने के बाद खेती से जुड़े काम कम हो गए।

तेज गर्मी ने निर्माण और अन्य शारीरिक श्रम से जुड़े रोजगार पर भी असर डाला।

ग्रामीण महिलाएं, जो अक्सर अस्थायी और अवैतनिक कामों में लगी होती हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं।

नीति-निर्माताओं को चेतावनी

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि ये आंकड़े मौसमी और सामाजिक कारणों से प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन ये नीतिगत दिशा तय करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

देश को युवाओं के लिए स्थायी रोजगार, ग्रामीण क्षेत्र में काम के अवसर और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।


मई के आंकड़े सिर्फ एक महीना नहीं दिखाते, बल्कि ये बताते हैं कि रोजगार की ज़मीन खिसक रही है। अगर यही रफ्तार रही तो युवाओं के सपने और देश की आर्थिक रफ्तार – दोनों थम सकते हैं।

ये रिपोर्ट आपके लिए तैयार की है अवनीश मिश्रा ने – जहां खबर सिर्फ शब्द नहीं, जमीनी हकीकत होती है।

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