Weather Update: जुलाई में बरसेगा जमकर पानी! मध्य भारत, उत्तराखंड और हरियाणा के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी

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Weather Update

Central News Desk: भारत के कई हिस्सों में जुलाई का महीना भारी बारिश लेकर आने वाला है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इस बार जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा देखने को मिल सकती है, खासकर मध्य भारत, उत्तराखंड और हरियाणा में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने का खतरा है।

IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, विदर्भ और तेलंगाना के क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना है। साथ ही गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भी अच्छी बारिश का अनुमान है।

कहां-कहां होगी भारी बारिश?

  • पूर्वी मध्य भारत: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा
  • दक्षिणी प्रायद्वीप: विदर्भ, तेलंगाना
  • पश्चिम भारत: गुजरात, महाराष्ट्र
  • उत्तर भारत: उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली

बाढ़ का अलर्ट! नदियों के जलस्तर पर नजर

महापात्र ने कहा कि गोदावरी, महानदी और कृष्णा जैसी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान है। उन्होंने चेताया कि इन क्षेत्रों में बांधों और जलाशयों के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जानी चाहिए, ताकि आपदा प्रबंधन समय रहते सक्रिय हो सके।

पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में कम बारिश

जहां एक ओर कई राज्यों में भारी बारिश होगी, वहीं IMD ने यह भी कहा है कि पूर्वोत्तर भारत, पूर्वी भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।

तापमान में उतार-चढ़ाव

उत्तर-पश्चिम, पूर्व और दक्षिण भारत के हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान भी देखा जा सकता है।

कुछ क्षेत्रों में औसत अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रह सकता है।

जुलाई में क्या है सामान्य औसत?

भारत में जुलाई माह में औसतन 28 सेमी वर्षा होती है। लेकिन इस बार IMD के मॉडल के अनुसार यह सामान्य से अधिक हो सकती है, खासकर जब मॉनसून की रेखा दक्षिण की ओर खिसकती है और कई निम्न दबाव तंत्र सक्रिय होते हैं।

देश के मध्य, उत्तर और कुछ पश्चिमी हिस्सों को इस जुलाई मूसलाधार बारिश के लिए तैयार रहना चाहिए। बाढ़, जलजमाव, और भूस्खलन जैसी आपदाओं की संभावना को देखते हुए, प्रशासन और नागरिकों दोनों को सतर्कता बरतने की जरूरत है।

IMD का सुझाव:
सभी राज्य सरकारें और आपदा प्रबंधन इकाइयां बांधों, नदियों और जलाशयों की निगरानी तेज करें और जनता को अलर्ट करें।

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