सोना बना निवेश का सिरमौर, 2025 की पहली छमाही में 26% की जबरदस्त बढ़त

— डिजिटल से लेकर SGB तक, निवेशकों को मिल रहे हैं कई विकल्प
Central News Desk: साल 2025 की पहली छमाही में सोने की चमक ने बाजार को चौंका दिया है। 26 फीसदी की उछाल के साथ यह दुनिया की टॉप परफॉर्मिंग एसेट क्लास बन गया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के अनुसार, कमजोर अमेरिकी डॉलर, सीमित ब्याज दरें और वैश्विक स्तर पर बढ़ते जियो-पॉलिटिकल तनाव ने निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित किया है। यही कारण है कि केवल छह महीनों में सोने ने 26 बार ऑल-टाइम हाई दर्ज किया है।
SGB से लेकर डिजिटल गोल्ड तक मिल रहे निवेश के 5 प्रमुख विकल्प
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB):
2015 से अब तक RBI द्वारा 67 ट्रेंच में 14.7 करोड़ यूनिट्स इश्यू किए जा चुके हैं। ये बॉन्ड NSE और BSE पर लिस्टेड हैं और इन्हें डिमैट अकाउंट के ज़रिए खरीदा-बेचा जा सकता है। इनकी अवधि 8 साल होती है, जिसमें 5 साल बाद बायबैक विकल्प मिलता है। - गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold MF):
गोल्ड MF, गोल्ड ETF में निवेश करते हैं और इनमें एक फंड मैनेजर बाजार की स्थिति के अनुसार फैसले लेता है। NAV के रूप में इनकी वैल्यू तय होती है और इन्हें म्यूचुअल फंड हाउसों से खरीदा जा सकता है। - गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF):
गोल्ड ETF सोने की वास्तविक कीमत को ट्रैक करते हैं और इनकी एक यूनिट एक ग्राम शुद्ध सोने के बराबर होती है। यह निवेश का एक डिजिटल और सुरक्षित विकल्प है। - डिजिटल गोल्ड:
पेटीएम, फोनपे और गूगल पे जैसे ऐप्स के जरिए डिजिटल गोल्ड खरीदना अब बेहद आसान हो गया है। ₹1 से भी निवेश शुरू किया जा सकता है और बाद में इसे फिजिकल गोल्ड में बदला भी जा सकता है। - फिजिकल गोल्ड:
हालांकि यह पारंपरिक विकल्प है, लेकिन भारत में इसकी लोकप्रियता अब भी बरकरार है। हालांकि, इसमें सुरक्षा, शुद्धता और मेकिंग चार्ज जैसी चुनौतियां हैं।
क्या आगे भी चमकेगा गोल्ड?
WGC का कहना है कि अगर आर्थिक हालात और बाजार के रुझान वैसे ही बने रहते हैं, तो दूसरी छमाही में गोल्ड में 0 से 5% तक की और बढ़त देखी जा सकती है। निवेशकों के लिए यह अब भी एक सुरक्षित और लाभदायक विकल्प बना हुआ है।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.