मिट्टी खनन के गड्ढे में डूबे तीन मासूम, खेलते-खेलते थम गई तीन घरों की हँसी

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दो दिन से हो रही बारिश में गड्ढा बना मौत का कुआं, घर की खुशियों में घुला मातम

Central News Desk: शनिवार को हरदोई जिले के टड़ियावां थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को गम में डुबो दिया। मिट्टी खनन से बने गहरे गड्ढे में बारिश का पानी भर गया था और इसी गड्ढे में डूबकर तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई। तीनों बच्चे आपस में ममेरे और मौसेरे भाई थे और महज 6 से 7 साल की उम्र के थे।

खेलने गए थे बाग में, लौटे ही नहीं

शनिवार दोपहर करीब 3 बजे गांव गौरा निवासी नरेंद्र का बेटा अवनीश (6), उसकी बहनों के बेटे कार्तिक (7) और दुर्गेश (7) पास के एक बाग में खेलने गए थे। बाग से खेलते-खेलते वे आगे एक खेत की ओर बढ़े, जहां हाल ही में मिट्टी खनन कराया गया था। दो दिन से हो रही भारी बारिश के चलते उस गड्ढे में गहरा पानी भर चुका था, जो बच्चों के लिए जानलेवा जाल बन गया।

शाम तक नहीं लौटे बच्चे, गड्ढे में मिले बेसुध

शाम 5:30 बजे तक जब तीनों बच्चे वापस नहीं लौटे, तो परिजन उन्हें तलाशने लगे। नरेंद्र का छोटा भाई शत्रुघ्न जब खेत की ओर गया, तो वहां गीली मिट्टी में बच्चों के पैरों के निशान दिखाई दिए। संदेह के आधार पर जब वह खनन वाले गड्ढे की ओर गया और उसमें उतर कर देखा, तो तीनों बच्चे बेसुध अवस्था में पानी में पड़े मिले।

अस्पताल पहुंचने तक बहुत देर हो चुकी थी

बच्चों को आनन-फानन में सीएचसी टड़ियावां ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। चीख-पुकार और मातम की गूंज ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया।

खुशी के बीच आई मौत की दस्तक

हादसे को और भी दर्दनाक बना दिया यह तथ्य कि नरेंद्र के भाई शत्रुघ्न के घर 11 जून को बेटे का जन्म हुआ था। इसी खुशी में नरेंद्र की दोनों विवाहित बहनें – महेश्वरी (कार्तिक की मां) और अंबेश्वरी (दुर्गेश की मां) – अपने बेटों के साथ मायके आई हुई थीं। घर में उत्सव का माहौल था जो एक झटके में त्रासदी में बदल गया।

इकलौते थे दोनों भाई – टूट गए मां-बाप

कार्तिक और दुर्गेश, दोनों अपने-अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। हादसे की खबर सुनकर महेश्वरी और अंबेश्वरी बिलख पड़ीं। महेश्वरी जब फोन पर अपने पति को यह खबर दे रही थीं, तो उनका स्वर ही थम गया। दोनों माताओं की हालत बुरी तरह बिगड़ गई, जिन्हें ग्रामीणों ने किसी तरह संभाला।

खनन की अनुमति की जांच शुरू, एसडीएम बोले – होगी कार्रवाई

घटना की सूचना मिलने पर एसडीएम सदर एसके मिश्रा मौके के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा:

“यह पता लगाया जा रहा है कि खनन के लिए अनुमति ली गई थी या नहीं। अगर खनन तय मानकों से अधिक गहराई तक किया गया है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

चूंकि बच्चों की मौत डूबने से हुई है, इसे दैवी आपदा की श्रेणी में रखा जाएगा और परिजनों को आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी।”

सवालों के घेरे में जिम्मेदार तंत्र

इस हादसे ने प्रशासन और खनन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या बिना उचित बैरिकेडिंग के गड्ढा छोड़ देना लापरवाही नहीं?

क्या गांव के पास ऐसे जोखिम भरे स्थलों की सूचना ग्रामीणों को दी गई थी?

और आखिर, इस गड्ढे की निगरानी क्यों नहीं की गई?

इन सवालों का जवाब हादसे में अपने जिगर के टुकड़े खो चुके माता-पिता को चाहिए — ताकि किसी और की हँसी यूँ न छिन जाए।

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