Zepto वेयरहाउस की खौफनाक कहानी: एक्सपायर्ड फूड, फंगस और गटर के पानी में पैकिंग के सनसनीखेज आरोप

पूर्व कर्मचारी का Reddit पर खुलासा, पोस्ट वायरल होने के बाद क्विक डिलीवरी कंपनियों की कार्यशैली पर उठे गंभीर सवाल
फास्ट डिलीवरी लेकिन घटिया हालात?
क्विक डिलीवरी ऐप Zepto पिछले कुछ समय से विवादों में घिरा हुआ है। महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) द्वारा धारावी स्थित गोदाम का लाइसेंस सस्पेंड किया गया, क्योंकि वहां निरीक्षण के दौरान फंगल युक्त और एक्सपायर्ड फूड प्रोडक्ट्स पाए गए। अब इसी कड़ी में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है – इस बार खुद Zepto के एक पूर्व कर्मचारी ने Reddit पर प्लेटफॉर्म की अंदरूनी सच्चाई उजागर कर दी।
“नहीं रहूंगा अब चुप” – Reddit पर पोस्ट कर खोली पोल
Reddit के ‘r/pune’ फोरम पर पोस्ट करने वाले एक शख्स ने दावा किया कि वह Zepto में तीन साल तक काम कर चुका है। उसने लिखा:
“वेयरहाउस की स्थिति इतनी खराब है कि ग्राहक जो सामान मंगवाते हैं, वो फंगल युक्त, एक्सपायर्ड या सड़ा-गला होता है। हमें निर्देश दिए जाते थे कि इन्हें पैक कर भेज दो, चाहे खाने लायक हो या नहीं।”
ग्राहकों को एक्सपायर्ड योगर्ट भेजने का आरोप
कर्मचारी ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि एक ग्राहक ने ग्रीक योगर्ट ऑर्डर किया था, लेकिन स्टोर में केवल तीन एक्सपायर्ड कप बचे थे। फिर भी स्टोर मैनेजर ने वही कप ग्राहक को भेजने के निर्देश दिए। इस घटना से यह जाहिर होता है कि क्विक डिलीवरी की होड़ में कंपनियां ग्राहकों की सेहत से समझौता कर रही हैं।
गटर के पानी में खड़ी होती है ग्रॉसरी!
सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि पूर्व कर्मचारी ने पुणे के एक वेयरहाउस में गटर का पानी घुसने का जिक्र किया।
“बारिश के मौसम में गटर का पानी अंदर तक आ जाता था। उसी पानी के बीच हमें नंगे पांव खड़े होकर घंटों ग्रॉसरी की पैकिंग करनी पड़ती थी। कई लोग बीमार हुए, लेकिन कंपनी ने न मेडिकल सहायता दी, न मुआवजा।”
नेटिज़न्स का गुस्सा फूटा – Zepto का बहिष्कार करें
यह पोस्ट वायरल होते ही सोशल मीडिया पर गुस्से की लहर दौड़ पड़ी।
एक यूज़र ने लिखा: “अब कभी Zepto से ऑर्डर नहीं करूंगा।”
दूसरे ने कहा: “बेहतर है कि हम लोकल किराना स्टोर से सामान खरीदें।”
कई Reddit यूज़र्स ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि उन्हें भी एक्सपायर्ड प्रोडक्ट्स मिले थे।
कंपनी की चुप्पी पर सवाल
हालांकि Zepto की ओर से इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। पूर्व कर्मचारी की पोस्ट अब डिलीट कर दी गई है, लेकिन उससे पहले ही वह तेजी से वायरल हो चुकी थी और क्विक डिलीवरी ऐप्स की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा चुकी है।
क्विक डिलीवरी बनाम क्वालिटी: कहां खड़ा है ग्राहक?
यह घटना केवल Zepto तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी क्विक डिलीवरी इंडस्ट्री के मानव संसाधन, फूड सेफ्टी और वर्किंग कंडीशंस पर सवाल उठाती है। क्या फास्ट डिलीवरी के नाम पर कंपनियां अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग रही हैं?

Rashika Saxena is a young and energetic journalist. She keeps a keen eye on the issues happening in health, politics and film industry. Rashika has done a post graduate diploma in TV journalism