कारोबारी माहौल सुधारने और श्रमिकों के लिए बनेगा घर, राज्यों को मिलेंगे 5000 करोड़ रुपये: केंद्र सरकार ने तय किए दिशा-निर्देश

Central News Desk: देश के शहरों में कारोबारी माहौल को अनुकूल बनाने और औद्योगिक श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी योजना की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत राज्यों को कुल 5,000 करोड़ रुपये तक की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह सहायता उन्हें तभी मिलेगी जब वे भूमि उपयोग, भवन निर्माण नियमों और अन्य सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू करेंगे।
प्राथमिकता वाले क्षेत्र: भूमि और भवन निर्माण
इस योजना में भूमि और भवन निर्माण को प्राथमिकता दी गई है। खास बात यह है कि यदि राज्य सरकारें इन क्षेत्रों में अपेक्षित सुधार करती हैं, तो उन्हें अधिकतम 700 करोड़ रुपये तक की विशेष सहायता मिल सकती है। राज्यों को औद्योगिक क्षेत्रों या इंडस्ट्रियल पार्क्स में श्रमिकों के लिए आवासीय प्रोजेक्टों की मुख्य गतिविधियों को अनुमति देनी होगी। इसके साथ ही, घोषित औद्योगिक क्षेत्रों में भू-उपयोग परिवर्तन की अनुमति नहीं होगी।

किफायती आवास परियोजनाओं को बढ़ावा
योजना का एक बड़ा उद्देश्य 60 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले किफायती आवासीय प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देना है। यह कदम औद्योगिक श्रमिकों की आवासीय समस्याओं का समाधान करेगा, जिससे श्रमिकों को उनके कार्यस्थल के पास ही घर मिल सकेगा।
सुधारों के लिए समयसीमा
राज्यों को सुधार संबंधी कदम उठाने के लिए 15 दिसंबर 2026 तक का समय दिया गया है। इसके बाद, 20 दिसंबर को शहरी कार्य मंत्रालय इन सुधारों की समीक्षा कर केंद्र को सिफारिशें भेजेगा।
भवन नियमों में सुधार की आवश्यकता
भवन और निर्माण संबंधी सुधारों में राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि वे प्लाटों में पीछे और किनारे छोड़े जाने वाले खाली स्थान (सेटबैक) के नियमों को तार्किक बनाएं। उदाहरण के लिए, 500 वर्ग मीटर से कम और अधिक क्षेत्रफल वाले प्लाटों के लिए एक जैसे मानक उचित नहीं माने जा सकते। इसी प्रकार, पार्किंग के नियमों को भी सरल और व्यावसायिक दृष्टि से अनुकूल बनाया जाना चाहिए।
राज्यों को तीन श्रेणियों में बांटा गया
वित्त मंत्रालय द्वारा की गई बजट घोषणा के तहत राज्यों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है और उसी के आधार पर फंड का वितरण तय किया गया है। अब आवास और शहरी कार्य मंत्रालय इस योजना के क्रियान्वयन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा।
इस नई योजना के माध्यम से केंद्र सरकार न केवल शहरी आर्थिक विकास को गति देना चाहती है, बल्कि औद्योगिक श्रमिकों की बुनियादी जरूरतों को भी प्राथमिकता दे रही है। यदि राज्य सरकारें निर्धारित सुधारों को समय से लागू करती हैं, तो यह योजना शहरी भारत के स्वरूप को पूरी तरह से बदल सकती है।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.