कैनेडी सेंटर पर ट्रंप की पकड़: “ले मिज़रेबल्स” के शो में $2 मिलियन की टिकटें, कलाकारों पर सख्ती और नीतियों में बदलाव

संस्कृति और सियासत की टक्कर: अमेरिका के प्रतिष्ठित सांस्कृतिक केंद्र में ट्रंप प्रशासन की गहरी दखलअंदाजी, कर्मचारियों से सामूहिक प्रार्थना तक का फरमान
Central News Desk: इस हफ्ते जब कैनेडी सेंटर के ओपेरा हाउस में विख्यात नाटक “ले मिज़रेबल्स” का मंचन होगा, तो वहां मौजूद दर्शकों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी होंगे—उन समर्थकों के साथ जिन्होंने उनके साथ शो देखने के लिए 2 मिलियन डॉलर तक खर्च किए हैं। यह सिर्फ एक नाटक नहीं, बल्कि एक नई राजनीतिक और सांस्कृतिक सच्चाई की झलक है।
दरअसल, इस साल की शुरुआत में ट्रंप और उनके सहयोगियों ने इस प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संस्था की प्रोग्रामिंग, स्टाफिंग और फंडिंग पर नियंत्रण पा लिया। अब ट्रंप समर्थित नेतृत्व ने वहां से ‘वोक’ यानी प्रगतिशील विचारधारा वाले कार्यक्रमों को हटाने, कलाकारों को चेतावनी देने और कर्मचारियों से सामूहिक प्रार्थना करवाने जैसे सख्त कदम उठाए हैं।
सांस्कृतिक केंद्र या राजनीतिक अखाड़ा?
कैनेडी सेंटर, जो अब तक कला, संगीत और अभिव्यक्ति की आज़ादी का प्रतीक माना जाता था, अब एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जहां उसके अस्तित्व पर राजनीतिक प्रभाव की गहरी छाया है। ट्रंप की टीम ने केवल कार्यक्रम नहीं बदले, बल्कि ऐसी योजनाएं भी प्रस्तावित की हैं जो पहले कल्पना से परे थीं—जैसे सेंटर के पास पोटोमैक नदी पर मरीना बनाना, ताकि दर्शक नाव से आकर संगीत का आनंद ले सकें।
विदेशी फंडिंग और करोड़ों का बजट
सूत्रों के मुताबिक, कैनेडी सेंटर के कुछ अधिकारी क़तर जैसे मध्य-पूर्वी देशों से एक VIP लाउंज के नवीनीकरण के लिए फंडिंग की संभावनाओं पर भी चर्चा कर चुके हैं। वहीं अमेरिकी कांग्रेस की एक समिति ने मई में सेंटर के लिए 257 मिलियन डॉलर का बजट प्रस्तावित किया—जो अब तक की तुलना में पांच गुना अधिक है।
टिकट बिक्री में गिरावट, चिंता में कलाकार
हालांकि यह सियासी बदलाव कैनेडी सेंटर के लिए आर्थिक झटके लेकर आया है। टिकट बिक्री में गिरावट देखी गई है, और कलात्मक स्वतंत्रता को लेकर कई कलाकारों और संस्थाओं में चिंता बढ़ गई है। ट्रंप प्रशासन के तहत यह संस्था अब न केवल एक सांस्कृतिक मंच है, बल्कि एक राजनीतिक रणभूमि भी बनती जा रही है।