उपभोक्ता पर बिजली विभाग की मनमानी की मार, एक बल्ब-पंखे वाले घर का बिल लाखों में!

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— पुरवा तहसील के सिद्धीखेड़ा निवासी सुरेंद्र कुमार ने तहसील दिवस पर दी शिकायत

Unnao News desk : बिजली विभाग की लापरवाही और मनमानी बिलिंग से त्रस्त उपभोक्ता सुरेंद्र कुमार, निवासी सिद्धीखेड़ा (मजरा सहरावाँ), ने तहसील दिवस पर एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। सुरेंद्र कुमार का कहना है कि उनके घर में केवल एक बल्ब और एक पंखा चलता है, फिर भी लगातार अत्यधिक बिजली बिल भेजे जा रहे हैं, जो न केवल अनुचित हैं बल्कि उनके लिए आर्थिक बोझ बन गए हैं।

कई बार दी शिकायत, फिर भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

सुरेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि उन्होंने पहले भी 25 अगस्त 2023 को ₹256 का बिल समय पर जमा किया था, जिसकी रसीद संख्या 959530333672 है। इसके बाद अचानक 6 अगस्त 2024 को ₹17,254.33 और 30 सितंबर 2024 को ₹33,729.99 का बिल भेजा गया। उन्होंने इसकी शिकायत विद्युत उपखंड अधिकारी कार्यालय में एक लिखित आवेदन देकर की थी और मीटर की जांच की मांग भी की थी।

परंतु, शिकायत के बावजूद न कोई मीटर जांच कराई गई और न ही किसी प्रकार की सुधारात्मक कार्रवाई की गई। इससे उपभोक्ता को गहरा आघात पहुंचा है।

एक ही महीने में तीन बार आया बिल, कुल राशि लाखों में पहुंची

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि मई 2025 में एक ही महीने के भीतर तीन बार बिल भेजे गए —

4 मई 2025: ₹1,00,098.30

9 मई 2025: ₹1,08,412.08

18 मई 2025: ₹18,093.38

इस प्रकार उपभोक्ता पर लाख रुपये से अधिक का बिजली बिल थोप दिया गया है, जबकि उनके घर की बिजली खपत बेहद सीमित है।

आर्थिक बोझ के कारण परेशान हैं उपभोक्ता

सुरेंद्र कुमार ने बताया कि वह एक सामान्य ग्रामीण उपभोक्ता हैं और इतनी बड़ी राशि का भुगतान करना उनके बस की बात नहीं है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उनकी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मीटर की तत्काल जांच कराई जाए। यदि कोई तकनीकी या बिलिंग त्रुटि पाई जाती है, तो उस आधार पर बिल को संशोधित किया जाए।

क्या कहता है यह मामला?

यह मामला न केवल एक उपभोक्ता की परेशानी को उजागर करता है, बल्कि बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है। लगातार शिकायतों के बावजूद विभाग की चुप्पी यह दर्शाती है कि उपभोक्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।

यदि इस तरह की लापरवाहियां और मनमानी जारी रही, तो ग्रामीण इलाकों के अनेक उपभोक्ताओं को अनावश्यक रूप से भारी भरकम बिलों का सामना करना पड़ सकता है।

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