‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक जारी रहेगी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा – केंद्र के फैसले का इंतजार करें

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Entertainment News Desk: बॉलीवुड फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज़ पर फिलहाल रोक जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को हटाने से इनकार करते हुए कहा है कि इस मामले में फैसला केंद्र सरकार की समिति द्वारा लिए जाने के बाद ही लिया जाएगा। शीर्ष अदालत ने साफ किया कि यह मामला मौलिक अधिकारों और कानूनी प्रक्रिया से जुड़ा है, जिसमें सभी पक्षों को सुना जाना जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे. बागची की पीठ ने कहा,

“हम ऐसे मौलिक अधिकारों के मुद्दों से रोज दो-चार होते हैं। अगर याचिकाएं खारिज हो जाती हैं, तो दोनों पक्षों की दलीलें निष्फल हो जाएंगी। हाईकोर्ट ने कानून में दिए गए उपायों पर ही विचार किया है।”

पीठ ने फिल्म निर्माताओं से कहा कि अगर फिल्म को लेकर उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ है तो क्षतिपूर्ति संभव है, लेकिन कन्हैया लाल मर्डर केस के आरोपियों की छवि को जो नुकसान पहुंचेगा, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती।

दोपहर ढाई बजे केंद्र की समिति करेगी सुनवाई

इस मामले में दो याचिकाएं हैं –

  1. एक फिल्म निर्माता की ओर से
  2. दूसरी हत्या के एक आरोपी की ओर से

दोनों याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध हैं। अदालत ने कहा कि अब जरूरी है कि केंद्र सरकार की समिति सभी पक्षों की बात सुने और जल्द फैसला ले। यह समिति आज दोपहर 2:30 बजे सुनवाई करेगी।

हाईकोर्ट ने क्यों लगाई थी रोक?

दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर अस्थायी रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि जब तक केंद्र सरकार इस फिल्म पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की याचिकाओं पर फैसला नहीं कर लेती, तब तक फिल्म रिलीज नहीं की जा सकती।

फिल्म 11 जुलाई को रिलीज़ होनी थी।

किसने की थी रोक की मांग?

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और कुछ अन्य संगठनों ने याचिका दायर कर कहा था कि फिल्म का ट्रेलर सांप्रदायिक तनाव को भड़का सकता है। याचिकाओं में दावा किया गया कि ट्रेलर में कुछ संवेदनशील संवाद और दृश्य हैं, जिनसे 2022 जैसी स्थिति फिर बन सकती है।

क्या है ‘उदयपुर फाइल्स’?

फिल्म जून 2022 में दर्जी कन्हैया लाल की नृशंस हत्या पर आधारित है। हत्या का आरोप मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद गौस पर है। फिल्म को लेकर समाज के एक वर्ग ने आपत्ति जताई है कि यह धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकती है और सांप्रदायिक तनाव फैला सकती है।

कौन-कौन हुआ पेश?

फिल्म निर्माता की ओर से: वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया

याचिकाकर्ता की ओर से: वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल

गौरव भाटिया ने अदालत से सवाल किया,

“जज साहब, फिर मेरे मौलिक अधिकारों का क्या?”
इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने तपाक से कहा,
“हम ऐसे अधिकारों के मुद्दे रोज देखते हैं।”

अगली सुनवाई 21 जुलाई को

सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 21 जुलाई 2025 तक टाल दी है। अब कोर्ट केंद्र सरकार की समिति के फैसले के बाद ही आगे कोई निर्णय लेगा।

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