फतेहपुर: दुष्कर्म के बाद छात्रा की निर्मम हत्या, दोषी को फांसी की सजा; दो सहयोगियों को सात साल की कैद

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Central News Desk: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में तीन साल पुराने सनसनीखेज दुष्कर्म और हत्या के मामले में अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। टीईटी की तैयारी कर रही 19 वर्षीय छात्रा के साथ दुष्कर्म कर उसकी गला रेतकर हत्या करने वाले अजय उर्फ शीबू को बुधवार को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई। साथ ही कोर्ट ने उस पर 81 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

तीन साल में आया ऐतिहासिक फैसला
एडीजे/फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज अशोक कुमार ने मात्र तीन वर्षों में इस मामले की सुनवाई पूरी कर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने दोषी अजय के दो सहयोगियों – एक दोस्त अवनीश उर्फ छोटू सोनकर और दूसरे दोस्त की मां माया देवी को साक्ष्य छिपाने के आरोप में सात-सात साल की सजा और 11-11 हजार रुपये का अर्थदंड भी सुनाया है।

क्या थी पूरी घटना?
30 मई 2022 को कानपुर देहात के साढ़ थाना क्षेत्र की छात्रा कोचिंग से लौट रही थी, जब उसे बहला-फुसलाकर जहानाबाद के खैराबाद जंगल में ले जाया गया। वहां उसके साथ दुष्कर्म कर उसका गला ब्लेड से रेत दिया गया। पोस्टमार्टम में छात्रा के शरीर पर ब्लेड के 24 घाव पाए गए। हत्या के बाद आरोपी फरार हो गया और केरल में जाकर एक रेस्टोरेंट में बावर्ची का काम करने लगा। पुलिस ने आठ जून को उसे गिरफ्तार किया।

आरोपी का प्रेम जहर बना
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी अजय छात्रा से एकतरफा प्रेम करता था। उसे शक था कि छात्रा किसी और से बात करती है। इसी मानसिक तनाव के कारण वह पहले आत्महत्या का प्रयास भी कर चुका था। इसी मानसिकता में उसने वारदात को अंजाम दिया।

साक्ष्य छिपाने में भी मिली सजा
हत्या के बाद अजय ने अपने दोस्त के घर पर खून से सने कपड़े, बाइक, छात्रा का मोबाइल और आईडी छिपा दिए थे। इस मामले में अवनीश और माया देवी ने साक्ष्य छिपाने में सहयोग किया था, जिस पर कोर्ट ने उन्हें भी दोषी करार दिया।

जन आक्रोश और प्रदर्शन
इस बर्बर हत्या के बाद पूरे फतेहपुर जिले में भारी जनाक्रोश देखने को मिला था। लोगों ने जहानाबाद स्टेट हाईवे पर कई बार जाम लगाया और सीबीआई जांच की मांग की थी। प्रशासन ने भी आरोपी पर रासुका लगाने की सिफारिश की थी।

कोर्ट ने दिया स्पष्ट संदेश
सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि समाज में इस तरह की दरिंदगी करने वालों के लिए फांसी से कम कोई सजा नहीं होनी चाहिए। इससे भविष्य में ऐसे अपराधियों में डर पैदा होगा।

परिवार को मिला संतोष
छात्रा के पिता ने कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया और कहा कि अब उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी। उन्होंने कहा। “हमने हर तारीख पर कोर्ट में हाजिरी दी, अब चाहते हैं कि हत्यारे को जल्द से जल्द फांसी पर लटकते देखा जाए,”

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