अदालत से सजा, राजनीति में हलचल: शेख हसीना को अवमानना मामले में 6 महीने की जेल

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Central News Desk: बांग्लादेश की राजनीति में बुधवार को बड़ा भूचाल आया, जब इंटरनेशनल क्राइम ट्राइब्यूनल ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग प्रमुख शेख हसीना को अदालत की अवमानना का दोषी करार देते हुए छह महीने की सजा सुनाई। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शेख हसीना द्वारा की गई टिप्पणी न सिर्फ न्यायपालिका, बल्कि पूरे संवैधानिक ढांचे का अपमान है।


ऑडियो कॉल बना विवाद की जड़

इस फैसले की जड़ें उस लीक ऑडियो कॉल में हैं, जो अक्टूबर 2024 में सामने आया था। इसमें शेख हसीना और ढाका की एक स्थानीय राजनीतिक हस्ती शकील अकंद बुलबुल के बीच बातचीत सुनाई गई थी।
कथित रूप से इस कॉल में न्यायपालिका को लेकर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था।

बुलबुल, अवामी लीग की छात्र इकाई बांग्लादेश छात्र लीग से जुड़ी रही हैं। कॉल वायरल होते ही देश भर में राजनीतिक बहस तेज हो गई और कोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया।


अदालत की सख्त टिप्पणी

फैसले के दौरान अदालत ने तीखे शब्दों में कहा –

“एक पूर्व प्रधानमंत्री के मुंह से ऐसी भाषा लोकतंत्र को शर्मिंदा करती है। यह सीधा-सीधा न्यायपालिका की अवमानना है।”

कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि कानून की नजर में कोई भी व्यक्ति विशेषाधिकार प्राप्त नहीं है, और लोकतंत्र की रक्षा के लिए न्यायपालिका की स्वतंत्रता अनिवार्य है।


विदेश में रह रही हैं शेख हसीना

शेख हसीना पिछले एक साल से बांग्लादेश से बाहर हैं। उन्होंने राजनीतिक अस्थिरता और संभावित गिरफ्तारी के खतरे को देखते हुए देश छोड़ दिया था।
हालांकि, यह पहला मौका है जब उन्हें किसी अदालत ने औपचारिक रूप से दोषी ठहराया है।


क्या है ‘अवमानना अपराध’?

‘अवमानना’ तब मानी जाती है जब कोई व्यक्ति न्यायालय या न्यायिक प्रक्रिया का अपमान या बाधा उत्पन्न करता है। इसमें दोषी पाए जाने पर अदालत सीधे जेल या जुर्माने की सजा दे सकती है।


राजनीति में तूफान, देश में सतर्कता

फैसले के बाद बांग्लादेश की राजधानी ढाका सहित कई हिस्सों में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है।

अवामी लीग ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है।

जबकि विपक्षी दलों ने इस फैसले को “न्यायपालिका की स्वतंत्रता की जीत” बताया है।

सरकार ने संवेदनशील क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए अलर्ट मोड में है।


आगे क्या? बढ़ सकती हैं कार्रवाईयां

विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले के बाद शेख हसीना के खिलाफ अन्य मामलों में भी कानूनी प्रक्रिया तेज हो सकती है।
साथ ही, अवामी लीग के अन्य वरिष्ठ नेताओं पर भी शिकंजा कसने की संभावना है।


जनता की राय बंटी हुई

सोशल मीडिया पर फैसले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं:

एक वर्ग इसे साहसी कदम बता रहा है तो दूसरा इसे राजनीतिक हथकंडा कह रहा है।

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