पीडब्ल्यूडी का बुनियादी ढांचे पर ऐतिहासिक निवेश: छह जिलों के लिए 21,910 करोड़ के प्रस्ताव, कानपुर में रिकॉर्ड 1,642 करोड़ की परियोजनाएं

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Central News Desk: उत्तर प्रदेश के छह जिलों में सड़क और पुल निर्माण के ज़रिए यातायात को सुगम और ग्रामीण संपर्क को मजबूत बनाने की दिशा में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने सांसदों और विधायकों से प्रस्ताव लेकर कुल 21,910 करोड़ रुपये की योजनाएं शासन को भेज दी हैं। इन योजनाओं में कुल 4068 किमी लंबी सड़कों का निर्माण/मरम्मत, 188 सेतुओं का निर्माण, और 10 राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण का कार्य प्रस्तावित है।

कानपुर को मिला अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट

इन परियोजनाओं में अकेले कानपुर जनपद के लिए 1,642 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भेजे गए हैं, जो अब तक जिले में सड़क और सेतु निर्माण के लिहाज से सबसे बड़ी योजना मानी जा रही है। प्रस्ताव के मुताबिक:

977 किमी लंबी सड़कों का निर्माण और मरम्मत की जाएगी।

188 छोटे-बड़े सेतु बनाए जाएंगे।

ग्रामीण इलाकों को प्राथमिकता

इन प्रस्तावों में एक बड़ा फोकस ग्रामीण संपर्क मार्गों पर है। जर्जर या कच्ची सड़कों वाले गांवों को अब पक्की सड़कों के नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिससे किसानों को मंडियों तक पहुंचने में सुविधा होगी और ग्रामीण बच्चों को स्कूल आने-जाने में राहत मिलेगी।

प्रमुख प्रस्तावित जिले

कानपुर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज और फर्रुखाबाद

कुल 2283 सड़कों के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं।

10 प्रमुख राजमार्गों का 10 मीटर तक चौड़ीकरण और मरम्मत होगी।

स्थानीय स्तर पर मिलेगा रोजगार

PWD अधिकारियों के मुताबिक, इन योजनाओं से निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी। मशीन ऑपरेशन, सामग्री आपूर्ति और ढुलाई जैसे कामों में हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।

150 आबादी वाले गांव भी योजना में शामिल

सरकार ने इस बार नियमों में बदलाव करते हुए, 150 घरों की आबादी वाले गांवों को भी सड़क निर्माण योजना में शामिल किया है। पहले यह सीमा 250-300 आबादी थी। इससे 156 छोटे गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ने का रास्ता खुलेगा।

कार्य जल्द होगा शुरू

मुख्य अभियंता रविदत्त कुमार ने बताया कि प्रस्ताव शासन को भेज दिए गए हैं और मंजूरी मिलते ही टेंडर जारी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। विभाग का लक्ष्य समयबद्ध, टिकाऊ और तकनीकी दृष्टि से उन्नत निर्माण करना है।

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