त्रिनिदाद और टोबैगो में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, मिला सर्वोच्च नागरिक सम्मान

बिहार की विरासत पर किया गर्व से प्रकाश, प्रवासियों को दिया बड़ा तोहफा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्रिनिदाद और टोबैगो यात्रा ऐतिहासिक बन गई। वहां उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘The Order of the Republic of Trinidad & Tobago’ प्रदान किया गया। इसे स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं यह सम्मान 140 करोड़ भारतीयों की ओर से स्वीकार करता हूं।” इस दौरान उन्होंने भारतीय मूल के लोगों, विशेष रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश से जुड़े प्रवासी समुदाय को भावनात्मक रूप से संबोधित किया।
भारतीय प्रवासियों ने किया भव्य स्वागत
पीएम मोदी का स्वागत त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला पसाद-बिस्सेसर ने अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ पिआर्को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर किया। खास बात यह रही कि सभी मंत्री पारंपरिक भारतीय पोशाकों में नजर आए। एयरपोर्ट से होटल तक पूरे रास्ते पर भारतीय पौराणिक पात्रों की वेशभूषा में कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
होटल पहुंचने पर प्रवासी भारतीयों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘मोदी-मोदी’ के नारों से माहौल गूंजा दिया। भोजपुरी छउताल और ऑर्केस्ट्रा की धुनों ने पूरे स्वागत को यादगार बना दिया।
भारतीय मूल के नागरिकों को बड़ी सौगात
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों को एक ऐतिहासिक तोहफा देते हुए घोषणा की कि अब छठी पीढ़ी तक के भारतीय मूल के नागरिकों को OCI कार्ड (Overseas Citizenship of India) की पात्रता दी जाएगी। इससे उन्हें भारत में रहने, काम करने और निवेश करने के कानूनी अधिकार मिलेंगे।
बिहार की विरासत पर दिया विशेष ज़ोर
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा:
“बिहार की विरासत भारत और दुनिया का गौरव है। लोकतंत्र, राजनीति और कूटनीति जैसे क्षेत्रों में बिहार ने सदियों से दुनिया को राह दिखाई है। 21वीं सदी में भी बिहार से नए अवसर जन्म लेंगे। यह वही बिहार है जो प्राचीन गणराज्यों की भूमि है।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस संसद में कई ऐसे साथी मौजूद हैं जिनके पूर्वज बिहार से हैं, और यह भारत की कालातीत सभ्यता की जीवित मिसाल है।
त्रिनिदाद की संसद में ऐतिहासिक संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रतिष्ठित संसद रेड हाउस को संबोधित किया और कहा:
“इस प्रतिष्ठित रेड हाउस में आपसे बात करने वाला मैं पहला भारतीय प्रधानमंत्री हूं, और यह मेरे लिए गर्व का विषय है। यह लाल इमारत स्वतंत्रता और सम्मान के लिए आपके संघर्ष और बलिदान की साक्षी रही है।”
उन्होंने कहा कि भारत और त्रिनिदाद दोनों औपनिवेशिक अतीत से निकलकर लोकतंत्र और आत्मगौरव की नई कहानी लिखने वाले देश हैं।
भविष्य की ओर भरोसे के साथ
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने भले ही मिट्टी छोड़ी हो, आत्मा नहीं छोड़ी। वे सिर्फ प्रवासी नहीं, भारतीय सभ्यता के कालातीत संदेशवाहक हैं। उनका योगदान भारत की सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक है और वह आने वाले समय में भारत के विकास यात्रा में अहम भूमिका निभाते रहेंगे।
यह यात्रा सिर्फ कूटनीतिक संबंधों को मज़बूत करने का माध्यम नहीं रही, बल्कि भारत और त्रिनिदाद के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक रिश्तों को भी नई ऊंचाई देने वाली साबित हुई।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.