बिहार को मिलेगा 100 किलोमीटर लंबा फोरलेन मरीन ड्राइव, 10 हजार करोड़ की लागत से बनेगा मुंगेर-भागलपुर कॉरिडोर

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Bihar News Desk: बिहार की नीतीश सरकार प्रदेशवासियों को विधानसभा चुनाव से पहले एक और बड़ी सौगात देने जा रही है। मुंगेर से भागलपुर के बीच लगभग 100 किलोमीटर लंबा फोरलेन एलिवेटेड मरीन ड्राइव बनाने की योजना को अंतिम रूप दिया जा चुका है। यह परियोजना करीब 10,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जाएगी और इसका निर्माण कार्य हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के तहत किया जाएगा।


क्या है प्रोजेक्ट का स्वरूप?

लंबाई: लगभग 100 किलोमीटर

रूट: मुंगेर से भागलपुर तक गंगा नदी के किनारे

सड़क: चार लेन की एलिवेटेड मरीन ड्राइव

मॉडल: Hybrid Annuity Model (HAM)

60% राशि निर्माण एजेंसी वहन करेगी

40% राशि सरकार खर्च करेगी

लागत: लगभग ₹10,000 करोड़

कार्य प्रारंभ: 12–13 जुलाई 2025 के बीच सीएम नीतीश कुमार देंगे हरी झंडी

निर्माण एजेंसी का चयन और तकनीकी प्रक्रिया लगभग पूरी

Hybrid Annuity Model (HAM) क्या है?

यह एक वित्तीय मॉडल है, जिसमें सरकार और प्राइवेट एजेंसी दोनों मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पूरा करते हैं:

एजेंसी पहले निर्माण करती है, अपनी लागत का बड़ा हिस्सा स्वयं वहन करती है।

सरकार धीरे-धीरे एजेंसी को किस्तों में भुगतान करती है।

इससे सरकार पर तुरंत आर्थिक बोझ नहीं पड़ता और प्रोजेक्ट समय पर पूरा होता है।


पटना का मरीन ड्राइव बन गया मॉडल

पटना में पहले से दीघा से दीदारगंज तक 20.5 किलोमीटर लंबा मरीन ड्राइव मौजूद है, जिसे बिहार सरकार का एक बड़ी उपलब्धि माना जाता है।
अब इसका विस्तार दीदारगंज से फतुहा-बख्तियारपुर होते हुए मोकामा तक किया जा रहा है। वहीं पश्चिम दिशा में कोइलवर पुल तक चौड़ीकरण की योजना है।


क्यों जरूरी है मुंगेर-भागलपुर मरीन ड्राइव?

गंगा नदी के किनारे ट्रैफिक का डायवर्जन आसान होगा . श्रावणी मेले जैसे धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रित होगी

मुंगेर और भागलपुर जैसे व्यावसायिक और सांस्कृतिक जिलों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी

सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होगा, जिससे दुर्घटनाओं और प्रदूषण में भी कमी आएगी

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एलिवेटेड रोड लाभदायक साबित होगी

क्या बोले पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन?

शनिवार को सुल्तानगंज में श्रावणी मेला की तैयारियों का जायजा लेते हुए मंत्री नीतिन नवीन ने कहा:

“पथ निर्माण विभाग पूरी तरह तैयार है। जैसे ही सीएम की ओर से स्वीकृति मिलती है, हम निर्माण कार्य शुरू कर देंगे। यह मरीन ड्राइव बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर का चेहरा बदल देगा।”

श्रावणी मेला के बाद शुरू होगा काम

मंत्री के मुताबिक, 9 जुलाई तक श्रावणी मेला की सभी सड़क संबंधी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। उसके बाद या उसी दिन मुख्यमंत्री इस मरीन ड्राइव प्रोजेक्ट को औपचारिक मंजूरी दे सकते हैं।

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