जम्मू-कश्मीर में बन रही है देश की एक बड़ी जलविद्युत परियोजना, चिनाब नदी पर तैयार हो रहा 540 मेगावाट का क्वार बांध

Central News Desk: भारत सरकार जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर क्वार जलविद्युत परियोजना के निर्माण को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय विकास में अहम भूमिका निभाएगी, बल्कि देश के ऊर्जा उत्पादन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2022 को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी।
कहां बन रहा है यह बांध?
क्वार जलविद्युत परियोजना जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर स्थित है। यह स्थान किश्तवाड़ से लगभग 28 किलोमीटर दूर है। इसे ग्रीनफील्ड जल भंडारण परियोजना के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसका मतलब है कि यह एक पूरी तरह से नई जलविद्युत परियोजना है जिसे शून्य से शुरू किया गया है।
परियोजना का आकार और उत्पादन
इस परियोजना के तहत 109 मीटर ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध बनाया जा रहा है। यह बांध 540 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाला होगा। अनुमान है कि यह परियोजना सालाना 1,975 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करेगी, जो जम्मू-कश्मीर सहित पूरे उत्तर भारत के लिए बड़ी राहत साबित होगी।
लागत और फंडिंग
इस पूरी परियोजना की कुल अनुमानित लागत ₹4,526 करोड़ है। इसमें से आंशिक फंडिंग के लिए चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (CVPPL) ने विभिन्न वित्तीय संस्थानों और बैंकों से ₹3,119 करोड़ रुपये का सावधि कर्ज जुटाने का प्रयास किया है। CVPPL, एनएचपीसी लिमिटेड और जम्मू-कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम लिमिटेड का एक संयुक्त उपक्रम (Joint Venture) है।
क्या है परियोजना की वर्तमान स्थिति?
इस परियोजना में सबसे महत्वपूर्ण चरण – चिनाब नदी का जलमार्ग मोड़ना (Diversion of River Flow) – जनवरी 2024 में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। यह हर जलविद्युत परियोजना के लिए एक बड़ा और जरूरी पड़ाव होता है, क्योंकि इसके बाद ही बांध निर्माण का मुख्य कार्य शुरू किया जा सकता है।
इसके अलावा, 609 मीटर लंबी मुख्य सुरंग (Access Tunnel) की खुदाई का काम भी चालू है। नदी के जल प्रवाह को मोड़कर अब मुख्य बांध निर्माण का कार्य तेज़ी से प्रगति कर रहा है।
2027 तक पूरा करने का लक्ष्य
सरकार और निर्माण एजेंसियों का लक्ष्य है कि यह परियोजना 2027 तक पूरी कर ली जाए। इसके लिए सभी तय चरणों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने इस परियोजना को राष्ट्रीय प्राथमिकता में शामिल किया है।
ऊर्जा उत्पादन के साथ रणनीतिक लाभ
यह परियोजना सिर्फ बिजली उत्पादन के लिहाज़ से ही अहम नहीं है, बल्कि इसका एक रणनीतिक पक्ष भी है। सिंधु जल संधि के तहत भारत को जो जल संसाधनों का नियंत्रण प्राप्त है, उसके अनुसार भारत इनका उपयोग कर सकता है। क्वार परियोजना से पाकिस्तान को जाने वाले संभावित जल प्रवाह में भी कटौती हो सकती है, जिससे भारत का जल अधिकार मज़बूत होगा।
स्थानीय और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा
परियोजना के पूरा होने से जम्मू-कश्मीर में ऊर्जा आपूर्ति बेहतर होगी, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। इसके साथ ही, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और किश्तवाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्र को देश की मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.