कानपुर के 22 निजी स्कूलों पर गिरी गाज, आरटीई नियमों का उल्लंघन करने पर मान्यता रद्द करने की संस्तुति

Central News Desk: कानपुर के 22 निजी स्कूलों पर बड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) सुरजीत कुमार सिंह ने आरटीई (Right to Education) अधिनियम, 2009 के तहत गरीब बच्चों को प्रवेश न देने के मामले में इन स्कूलों की एनओसी (NOC) रद्द करने की संस्तुति संयुक्त शिक्षा निदेशक को भेजी है।
आरटीई अधिनियम का उल्लंघन
आरटीई की धारा 12 (1)(ग) के अनुसार, निजी स्कूलों को अपनी कुल सीटों का 25 प्रतिशत गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए निशुल्क आरक्षित रखना अनिवार्य है। जांच में सामने आया कि कानपुर के कई नामी स्कूलों ने इस नियम का पालन नहीं किया।
इन स्कूलों में दिल्ली पब्लिक स्कूल, डॉ. वीरेंद्र स्वरूप स्कूल, ऐलन हाउस, एनएलके स्कूल समेत अन्य प्रमुख संस्थान शामिल हैं।

BSA ने सख्त रुख अपनाया
BSA सुरजीत कुमार सिंह ने बताया कि बार-बार निर्देशों और चेतावनियों के बावजूद इन 22 स्कूलों ने गरीब बच्चों को आरटीई कोटे में प्रवेश नहीं दिया।
उन्होंने संयुक्त शिक्षा निदेशक को भेजी रिपोर्ट में कहा कि ऐसे स्कूलों को मान्यता देना शिक्षा के अधिकार कानून की भावना के विपरीत है, इसलिए उनकी एनओसी तत्काल रद्द की जाए।
जांच रिपोर्ट के आधार पर सिफारिश
शिक्षा विभाग की टीम ने पिछले महीने इन स्कूलों का निरीक्षण किया था। किसी भी स्कूल ने आरटीई के तहत नए सत्र में गरीब बच्चों का नामांकन नहीं किया। कार्रवाई की प्रक्रिया: एनओसी रद्द होने पर इन स्कूलों को सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाएं और मान्यता समाप्त हो सकती हैं।
नामी स्कूलों की मुश्किलें बढ़ीं
दिल्ली पब्लिक स्कूल, ऐलन हाउस और डॉ. वीरेंद्र स्वरूप जैसे प्रतिष्ठित स्कूलों का नाम सूची में आने से अभिभावकों और शिक्षा जगत में चर्चा तेज हो गई है। शिक्षा विभाग का कहना है कि आगे भी ऐसे स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जो आरटीई अधिनियम का उल्लंघन करेंगे।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.