झालावाड़ स्कूल हादसा: लापरवाही की कहानी, जिसने ले ली 8 मासूमों की जान

गांव वालों की शिकायतों पर सिस्टम खामोश
Central News Desk: झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत को लेकर गांव वालों ने बार-बार शिकायत की थी, लेकिन यह आवाज न तो शिक्षा विभाग तक पहुंची और न ही प्रशासन तक। गांव वालों का आरोप है कि पांच-छह दिन पहले ही स्कूल भवन की हालत को लेकर चेतावनी दी गई थी, लेकिन किसी ने गंभीरता से कदम नहीं उठाया।

कलेक्टर का बयान: जांच के आदेश
जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौर ने हादसे के बाद मीडिया से कहा, “शिक्षा विभाग को पहले ही निर्देश दिए गए थे कि अगर कोई जर्जर स्कूल है तो उसकी छुट्टी कर दी जाए। इस स्कूल का नाम जर्जर भवन की सूची में नहीं था। अब हादसे की जांच करवाई जाएगी कि आखिर चूक कहां हुई।”
ग्रामीण बनवारी का खुलासा
गांव के बनवारी, जिन्होंने बच्चों को मलबे से बाहर निकाला, ने बताया कि बच्चे छत गिरने की चेतावनी दे रहे थे।
बनवारी ने कहा, “बच्चा-बच्ची बाहर भाग रहे थे, लेकिन शिक्षक ने डांटकर उन्हें अंदर कर दिया। कुछ ही देर बाद छत गिर गई। ईंट-पत्थर हटाकर बच्चों को निकाला गया। शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
महिला का आरोप: ‘मीना मैडम ने लगाई कुंडी’
हादसे में बच्चों को खोने वाले परिवार की एक महिला ने कहा, “छोटा बच्चा कह रहा था कि छत गिरने वाली है, कंकण गिर रहे हैं, लेकिन मीना मैडम ने कमरे की कुंडी लगा दी। गांव वालों ने बाद में कुंडी तोड़ी। अगर ध्यान दिया जाता तो शायद बच्चे बच जाते।”
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हादसे के बाद कहा, “राज्य के 2000 स्कूलों की मरम्मत की जा रही है। इस हादसे के लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं।”
लापरवाही की कीमत: 8 मासूमों की मौत
झालावाड़ जिले के इस दर्दनाक हादसे में 8 मासूम बच्चों की जान चली गई। ये वे बच्चे थे जिनके माता-पिता अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए उन्हें स्कूल भेजते थे। लेकिन प्रशासन, शिक्षा विभाग और स्कूल स्टाफ की लापरवाही ने उनके सपनों को चूर-चूर कर दिया।
झालावाड़ हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या गरीबों के बच्चों के लिए सरकारी स्कूल सिर्फ नाम भर की सुविधा बनकर रह गए हैं? क्या ऐसी लापरवाही के दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी?

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.