“गिद्ध से टकराया इंडिगो विमान: क्या पक्षी बनते जा रहे हैं हवाई सुरक्षा के लिए खतरा?

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Courtesy: media reports on IndiGo Flight 6E6902 incident

Central News Desk:पटना से रांची जा रही इंडिगो फ्लाइट 6E6902 को बीते रविवार को एक खतरनाक परिस्थिति का सामना करना पड़ा जब उड़ान के दौरान 4,000 फीट की ऊंचाई पर एक विशाल गिद्ध से टकराव हुआ। यह घटना भले ही कुछ सेकंड की रही हो, लेकिन परिणामस्वरूप पायलट को विमान की आपात लैंडिंग करनी पड़ी। सौभाग्य से, विमान में सवार सभी 175 यात्री पूरी तरह सुरक्षित रहे।

पक्षी टकराव – एक छोटा शरीर, बड़ा खतरा

आम धारणा है कि एक छोटा पक्षी एक बड़े हवाई जहाज को क्या नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन हकीकत यह है कि एक 1 किलो वजनी पक्षी भी अगर तेज़ रफ्तार से किसी इंजन, नोज कोन, या विंडशील्ड से टकरा जाए, तो वह पूरे विमान की संरचना को नुकसान पहुंचा सकता है।

विमान आमतौर पर 800–900 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ते हैं, और इतनी गति से किसी ठोस वस्तु से टकराव का प्रभाव गोलियों की ताकत से कम नहीं होता।


📈 भारत में पक्षी टकराव की भयावह स्थिति

DGCA के अनुसार, 2023 की पहली छमाही में पक्षी टकराव की घटनाएं 62% तक बढ़ीं।

अकेले दिल्ली एयरपोर्ट पर 2018 से 2023 के बीच 705 से अधिक टकराव दर्ज किए गए।

हाई कोर्ट ने इस पर सख्त संज्ञान लेते हुए एयरपोर्ट के आसपास की गंदगी, अवैध बूचड़खानों और कचरे को पक्षियों के आकर्षण का मुख्य कारण बताया।


समाधान की दिशा में बढ़ते कदम

कुछ एयरपोर्ट्स ने सफलतापूर्वक इस चुनौती से निपटने के उपाय लागू किए हैं।
कोलकाता एयरपोर्ट ने बेहतर कचरा प्रबंधन और साउंड डिटरेंट्स (सोनिक डिवाइसेज़) का उपयोग कर 2025 की पहली तिमाही में केवल 4 घटनाएं दर्ज कीं, जबकि 2024 में यह संख्या 26 थी।


विमानन विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

“ये पक्षी टकराव केवल तकनीकी मुद्दे नहीं हैं, ये मानव लापरवाही के भी परिणाम हैं,”
कहते हैं कैप्टन सौरभ मल्होत्रा, एक वरिष्ठ पायलट।
“जब तक एयरपोर्ट के आसपास साफ-सफाई और ज़मीन पर स्थित कारकों को नियंत्रित नहीं किया जाएगा, तब तक आसमान में खतरा बना रहेगा।”


एक किलो का पक्षी जब टकराता है, तो वो केवल एक इंजन नहीं, बल्कि यात्रियों की जान, एयरलाइन की विश्वसनीयता और देश की एविएशन सुरक्षा प्रणाली को भी चुनौती देता है।

अब वक्त है कि इस खतरे को केवल ‘प्राकृतिक दुर्घटना’ मानने के बजाय, इसके खिलाफ ठोस और तकनीकी कदम उठाए जाएं।

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