चिरैयानाला पुल की बदहाल सड़क बनी खतरे का कारण, सहरावा गांव का स्कूली छात्र घायल

Central News Desk: उन्नाव जनपद के सोहरामऊ क्षेत्र से लगभग तीन किलोमीटर अंदर चिरैयानाला पर बना पुल आजकल स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। भारी वाहनों के दबाव और प्रशासनिक लापरवाही के चलते इस पुल की संपर्क सड़कें जगह-जगह गड्ढों से भर चुकी हैं। परिणामस्वरूप आए दिन छोटे-बड़े हादसे हो रहे हैं।

हाल ही में हुई एक दर्दनाक घटना में सहरावा गांव का रहने वाला एक स्कूली छात्र इस खराब सड़क और लापरवाही का शिकार बन गया। बताया जा रहा है कि बच्चा रोज़ की तरह स्कूल जा रहा था, तभी पुल के पास तेज रफ्तार से आ रहे एक ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। ट्रक का पिछला पहिया उसके हाथ पर चढ़ते हुए निकल गया, जिससे उसका हाथ टूट गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। बच्चे को आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
नवनिर्मित पुल, लेकिन घटिया गुणवत्ता
स्थानीय लोगों के अनुसार चिरैयानाला पुल का निर्माण कुछ ही समय पहले कराया गया था, लेकिन इसके ऊपर की सड़क की गुणवत्ता बेहद खराब है। निर्माण के दौरान ही आरोप लगे थे कि घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। अब, निर्माण के कुछ ही महीनों के भीतर सड़क की हालत बदतर हो गई है — खासकर पुल से सटे हिस्से में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जो हादसों को न्यौता दे रहे हैं।
बंथरा-पूरवा मार्ग से जुड़ता है पुल, भारी वाहनों का दबाव
यह पुल बंथरा-पूरवा मुख्य मार्ग से जुड़ता है, जिससे होकर रोज़ाना बड़ी संख्या में ट्रक, डंपर, ट्रैक्टर और भारी मालवाहक वाहन गुजरते हैं। सड़क की खराब स्थिति और इन वाहनों की तेज रफ्तार से दुर्घटना का खतरा हर समय बना रहता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां न तो कोई ट्रैफिक कंट्रोल की व्यवस्था है, न ही कोई संकेत बोर्ड या स्पीड ब्रेकर लगाए गए हैं।
सिद्धखेड़ा और सहरावा गांवों के लोग परेशान, बच्चों की जान जोखिम में
पुल के आसपास स्थित सिद्धखेड़ा और सहरावा गांव के लोग खासे नाराज़ हैं। उनका कहना है कि यह सड़क स्कूल जाने वाले बच्चों, किसानों और आम राहगीरों के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन खराब सड़क के कारण बच्चों को स्कूल पहुंचने में खासी दिक्कतें हो रही हैं। लोग हर रोज़ डर के साए में जीते हैं कि कब कौन-सी दुर्घटना घट जाए।
प्रशासन पर उठे सवाल, जिम्मेदार कौन?
स्थानीय निवासियों ने सवाल उठाया है कि जब सड़क की हालत शुरू से ही खराब थी, तो संबंधित विभाग ने समय रहते कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? आखिर निर्माण एजेंसी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? हादसे के बाद भी न तो गड्ढे भरे गए, न ट्रैफिक पर कोई नियंत्रण लगाया गया।

Rashika Saxena is a young and energetic journalist. She keeps a keen eye on the issues happening in health, politics and film industry. Rashika has done a post graduate diploma in TV journalism