बिहार चुनाव 2025: जातीय गणित, योजनाएं, वोट बैंक और जनता का मूड – किसका पलड़ा भारी?

“क्या बदलेगा बिहार का सियासी मंजर या फिर दोहराया जाएगा इतिहास?”
Bihar News desk: 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में सियासत अपने चरम पर है। जातीय समीकरण से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पेंशन, और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं तक — हर पहलू पर मतदाता अपनी राय बना चुका है। इस बार का मुकाबला नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और NDA-INDIA गठबंधन के बीच दिलचस्प बन गया है।

पिछले चुनाव का विश्लेषण:
2020 में NDA (BJP+JDU) को कुल 125 सीटें मिली थीं, जिसमें बीजेपी को 74 और JDU को 43 सीटें मिलीं। वहीं RJD ने 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। कांग्रेस को मात्र 19 सीटें मिली थीं और वाम दलों ने भी 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
जातीय समीकरण और वोट बैंक:
जाति वर्ग | प्रतिशत (लगभग) | मुख्य झुकाव |
---|---|---|
यादव | 14% | RJD |
कुर्मी | 4% | JDU |
कुशवाहा | 6% | RLSP/JDU |
ब्राह्मण-राजपूत-बाभन | 10% | BJP |
मुस्लिम | 17% | RJD+Cong |
दलित (पसमान्दा+महादलित) | 20% | मिश्रित |
Extremely Backward Class (EBC) | 26% | निर्णायक भूमिका |
इस बार EBC और महिलाओं का झुकाव निर्णायक माना जा रहा है। नीतीश का ‘मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना’ और पढ़ाई पर ज़ोर इन वर्गों में प्रभावी रही है।
नीतीश कुमार की नीतियां और योजनाएं:
हर घर नल योजना
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना
आरक्षित वर्गों के लिए रोजगार मेले और प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रवृत्ति योजना
नीतीश के शासन में महिलाओं और ग्रामीण वर्ग के लिए कई योजनाएं लागू की गईं, लेकिन रोजगार और पलायन अब भी बड़ा मुद्दा है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के आंकड़े:
शिक्षा दर (2024): 71.2% (महिला: 61.1%, पुरुष: 80.6%)
राज्य में शिक्षकों की कमी: करीब 1.25 लाख
स्वास्थ्य सुविधाएं: प्रति लाख आबादी पर मात्र 3 MBBS डॉक्टर
बेरोजगारी दर (CMIE – जून 2025): 13.2%
औसत मासिक वेतन (सरकारी वर्ग): ₹22,500 – ₹30,000
पेंशन भुगतान में देरी: ग्रामीण क्षेत्रों में खास तौर पर शिकायतें
केंद्र की योजनाएं: PM Awas Yojana, Ujjwala 2.0, Ayushman Bharat का असर स्पष्ट

PM मोदी का असर और विपक्ष की रणनीति:
मोदी का चेहरा अभी भी शहरी और मध्यमवर्गीय मतदाताओं के बीच प्रभावी है, लेकिन महंगाई और नौकरी की समस्या ने कुछ इलाकों में असंतोष भी जन्म दिया है।
तेजस्वी यादव बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाकर आगे बढ़ रहे हैं – “पहली कैबिनेट में 10 लाख नौकरी” वादा अभी भी चर्चा में है।
JDU और BJP के बीच तल्खी ने जनता को असमंजस में डाला है। वहीं कांग्रेस और वामदल पिछली बार की तरह RJD की बैकबोन बने हुए हैं, लेकिन ज़मीनी पकड़ कमजोर बताई जा रही है।
वोटर लिस्ट और नई प्रक्रिया:
EC ने इस बार Digital Voter Verification Campaign शुरू किया है। 30 सितंबर तक अंतिम सूची जारी होगी। कई नए युवा मतदाता जोड़े गए हैं। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि पिछड़े और दलित क्षेत्रों में नाम काटे जा रहे हैं।
2020 बनाम 2025 – बदले समीकरण:
2020 के चुनाव में कुल 243 सीटों में से:
NDA (JDU+BJP+Others): 125 सीटें
- BJP: 74
- JDU: 43
- महागठबंधन (RJD+Cong+Left): 110 सीटें
RJD: 75
कांग्रेस: 19
वामदल: 16
JDU की सीटें घटी थीं लेकिन बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन ने गठबंधन को सत्ता में बनाए रखा। उस समय चिराग पासवान की LJP ने JDU को नुक़सान पहुंचाया था।
अब 2025 में, नीतीश कुमार INDIA गठबंधन में हैं, जबकि BJP अकेले NDA का चेहरा बन रही है। इससे समीकरण पूरी तरह बदल गया है।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.