कृष्णभक्तों को रोके जाने पर भड़के अखिलेश, बोले – ‘सरकार को लानी चाहिए एकाधिकार कानून’

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इटावा के दांदरपुर गांव में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन

Central News desk: इटावा के थाना बकेवर क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम दांदरपुर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया था। इसमें यादव समाज के कथावाचक बनकर पहुंचे वक्ताओं ने कृष्ण भक्ति और धर्म की महिमा पर प्रकाश डाला। लेकिन इसी दौरान कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा कथावाचकों को धमकाने और अपमानित करने की घटना सामने आई।

धार्मिक कार्यक्रम में बाधा, भड़के अखिलेश यादव

इस पूरे मामले ने राजनीतिक मोड़ तब लिया जब समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कथावाचकों के साथ हुए व्यवहार को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “अगर सच्चे कृष्ण भक्तों को भागवत कथा कहने से रोका जाएगा, तो ये अपमान कोई क्यों सहेगा?”

लखनऊ में कथावाचकों का हुआ सम्मान

मंगलवार को लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय में अखिलेश यादव ने पीड़ित कथावाचकों को सम्मानित किया। उन्होंने यादव समाज के इन कथावाचकों को न सिर्फ मंच से सम्मान दिया, बल्कि आर्थिक सहायता के रूप में 21-21 हजार रुपये भी प्रदान किए।

“सरकार लाए एकाधिकार कानून” – अखिलेश

अखिलेश यादव ने इस दौरान सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एकाधिकार कानून लाया जाए। उन्होंने कहा, “एक तबका आज भी पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज को मंदिरों में प्रवेश करने पर गंगाजल से शुद्ध करता है। अब तो सार्वजनिक रूप से मुंडन करवाकर अपमान किया जा रहा है।”

“प्रभुत्वशाली सोच को करना होगा जवाब”

सपा मुखिया ने कहा कि अब भी कुछ लोग प्रभुत्वशाली सोच के साथ समाज को बांटना चाहते हैं। लेकिन कृष्ण भक्ति और भागवत कथा जैसे धार्मिक आयोजनों को जाति के आधार पर बांटना सरासर गलत है। उन्होंने चेताया कि अगर इस तरह की घटनाएं नहीं रुकीं तो सपा कार्यकर्ता सड़क पर उतरेंगे।

राजनीति में धार्मिक मुद्दों की वापसी?

इस घटना और अखिलेश यादव के बयान ने एक बार फिर धार्मिक स्वतंत्रता और जातीय भेदभाव जैसे मुद्दों को राजनीतिक केंद्र में ला दिया है। यह घटनाक्रम न केवल स्थानीय बल्कि राज्यस्तरीय राजनीति में भी हलचल पैदा कर सकता है।

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