AI-171 क्रैश पर झूठी खबर चलाना पड़ा भारी: भारतीय पायलटों का अमेरिकी मीडिया पर लीगल एक्शन

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Central News Desk: अहमदाबाद से जुड़ी एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के कथित क्रैश को लेकर अमेरिकी मीडिया ने जो खबरें चलाईं, अब उन्हें कानूनी लड़ाई का सामना करना पड़ सकता है। भारत के पायलटों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ और ‘रॉयटर्स’ को कानूनी नोटिस भेजकर आरोप लगाया है कि उन्होंने इस विमान हादसे को लेकर झूठी, भ्रामक और अपमानजनक खबरें प्रकाशित कीं।


किस बात पर नोटिस?

  • विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि AI-171 के कप्तान ने जानबूझकर फ्यूल स्विच बंद किए, जिससे टेकऑफ के तुरंत बाद प्लेन का इंजन बंद हो गया।
  • जबकि भारत की जांच एजेंसी AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) की प्रारंभिक रिपोर्ट में ऐसा कोई निष्कर्ष नहीं दिया गया है कि स्विच किसी की गलती से बदले गए।
  • FIP ने इस खबर को भ्रामक प्रोपेगेंडा करार देते हुए माफी और खबरें वापस लेने की मांग की है।

AAIB की रिपोर्ट में क्या कहा गया?

AAIB की प्रारंभिक जांच के अनुसार:

  • टेकऑफ के ठीक बाद दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ में चले गए।
  • कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट पूछता है: “फ्यूल क्यों बंद हुआ?”, दूसरे का जवाब: “मैंने नहीं किया।”
  • लेकिन रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि स्विच किसने और क्यों बदला।

FIP का कड़ा बयान

FIP अध्यक्ष कैप्टन सीएस रंधावा ने कहा:

“इन मीडिया संगठनों ने न तो रिपोर्ट को ठीक से पढ़ा और न ही तथ्यों की जांच की। यह हमारे पायलटों की साख पर हमला है। हम इस भ्रामक रिपोर्टिंग के खिलाफ हर जरूरी कानूनी कदम उठाएंगे।”


NTSB का भारत के पक्ष में बयान

इस विवाद में अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) ने भी भारत की बात का समर्थन किया है।
NTSB अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने कहा:

“AI-171 हादसे को लेकर मीडिया की हालिया खबरें जल्दबाजी और अटकलबाजी पर आधारित हैं।
AAIB ने अभी केवल प्रारंभिक रिपोर्ट दी है, ऐसे में मीडिया का निष्कर्ष निकालना नाजायज है। हम भारत की जांच एजेंसी AAIB का समर्थन करते हैं और उनकी जांच में सहयोग करेंगे।”


🧭 भरोसे पर हमला, एविएशन सिस्टम को नुकसान?

एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA-I) ने भी अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स की आलोचना करते हुए कहा:

  • यह अटकलबाजी भारत की एविएशन प्रणाली में लोगों का भरोसा कम कर सकती है।
  • जांच अभी शुरुआती दौर में है, ऐसे में इस तरह की रिपोर्टिंग से जनता को गुमराह किया जा रहा है।

क्या होगी आगे की कार्रवाई?

भारत सरकार भी इस मामले में विदेश मंत्रालय के स्तर पर आपत्ति दर्ज करा सकती है।

FIP ने दोनों मीडिया हाउसेज़ को कानूनी नोटिस भेजा है, जिसकी प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।

अगर माफी नहीं मांगी गई और खबरें वापस नहीं ली गईं, तो अंतरराष्ट्रीय अदालत या प्रेस काउंसिल में शिकायत संभव है।

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