बांके बिहारी मंदिर विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा – सरकार ने अब तक कितने मंदिरों का किया अधिग्रहण?

Central News Desk: उत्तर प्रदेश सरकार के बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट अध्यादेश 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अहम सुनवाई हुई। मंदिर की प्रबंधन समिति की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कई गंभीर सवाल उठाए। अदालत ने खासतौर पर यह जानना चाहा कि देश में अब तक कितने मंदिरों का प्रशासन राज्य सरकारों ने कानून के जरिए अपने अधीन लिया है।
याचिका में अध्यादेश की संवैधानिकता पर उठाए सवाल
मथुरा के प्रसिद्ध ठाकुर श्री बांके बिहारी जी मंदिर के प्रशासन को राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित करने के प्रयास के खिलाफ मंदिर प्रबंधन समिति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। समिति की अधिवक्ता तन्वी दुबे ने अदालत को बताया कि यह अध्यादेश एक निजी धार्मिक संस्था के अधिकारों का हनन है।

कपिल सिब्बल ने कहा – मंदिर निधि से 300 करोड़ खर्च पर उठे सवाल
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मंदिर के पुनर्विकास के नाम पर मंदिर की निधि से 300 करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति ली, जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व में ऐसी अनुमति देने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मंदिर के मामलों में गैरकानूनी दखल देने की कोशिश कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट का सवाल – कितने मंदिरों को सरकार ने अपने अधीन लिया?
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कपिल सिब्बल से पूछा –
“आप यह पता लगाइए कि अब तक कितने सैकड़ों मंदिरों का प्रशासन राज्य सरकारों ने अपने हाथ में लिया है। जो भी दान मिलता है, वह कहां खर्च होता है? बेहतर होगा, आप जाकर इसका अध्ययन करें।”
देवेंद्र गोस्वामी ने उठाया 15 मई के आदेश पर सवाल
मंदिर के श्रद्धालु देवेंद्र गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के 15 मई 2025 के आदेश को चुनौती देते हुए एक आवेदन दायर किया है। उनका कहना है कि यह आदेश मंदिर की प्रबंधन समिति को सुने बिना पारित किया गया था और इसके तहत मंदिर की निधि से पांच एकड़ जमीन अधिग्रहण की अनुमति दी गई, जो अनुचित है।
मंदिर समिति का आरोप – सरकार कर रही दुर्भावना से काम
‘सेवायत’ रजत गोस्वामी और समिति के 350 सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार का आचरण दुर्भावनापूर्ण है। उन्होंने दावा किया कि हाईकोर्ट ने पहले ही 8 नवंबर 2023 को मंदिर निधि के उपयोग को खारिज कर दिया था और राज्य सरकार ने उस आदेश के खिलाफ कोई अपील नहीं की, बल्कि सुप्रीम कोर्ट में एक अन्य केस में हस्तक्षेप का प्रयास किया।
अदालत ने कहा – दोनों याचिकाएं एक साथ सुनी जाएं
सुनवाई के दौरान यह भी बताया गया कि मंदिर से संबंधित एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट की अलग पीठ के समक्ष लंबित है। इस पर अदालत ने कहा कि दोनों मामलों को एक साथ सुनने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश के आदेश की आवश्यकता होगी।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.