यूपी: ऊर्जा मंत्री और बिजली कर्मियों के बीच टकराव चरम पर, मंत्री बोले – मेरी सुपारी लेने वालों में कर्मचारी भी शामिल

Central News Desk: उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और विद्युत कर्मियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। निजीकरण की प्रक्रिया को लेकर शुरू हुआ यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक रूप से बड़ा मुद्दा बन गया है।
मंत्री का बयान – चार बार हड़ताल, बाहर से प्रेरित आंदोलन
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के कार्यालय से पहले एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट जारी किया गया और फिर एक विस्तृत बयान भी सामने आया। इसमें कहा गया कि बिजलीकर्मी तीन वर्षों में चार बार हड़ताल कर चुके हैं, जो कि बाहरी प्रेरणा से संचालित हड़तालें हैं। शर्मा ने याद दिलाया कि इस पर हाईकोर्ट को भी हस्तक्षेप करना पड़ा है।
मंत्री का सवाल – बाकी विभागों में हड़ताल क्यों नहीं?
मंत्री ने सवाल किया कि,
“जब बाकी विभागों में ऐसी हड़तालें नहीं होतीं, तो सिर्फ ऊर्जा विभाग में ही क्यों?”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ कर्मचारी मंत्री के आवास पर अभद्र भाषा का प्रयोग कर चुके हैं।
मंत्री के चार तीखे सवाल
- 2010 में आगरा में टोरेंट कंपनी के निजीकरण के दौरान विरोध क्यों नहीं किया गया?
मंत्री ने कहा कि उस समय कर्मचारी नेता विदेश यात्रा पर निकल गए थे। - क्या सिर्फ ऊर्जा मंत्री निजीकरण कर सकते हैं?
उन्होंने कहा कि जब एक जूनियर इंजीनियर का ट्रांसफर तक मंत्री नहीं करते, तो निजीकरण कैसे करेंगे? - निजीकरण टास्क फोर्स और शासनादेश से हुआ है – यह प्रक्रिया मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली टास्क फोर्स से होकर गुजर रही है।
- ऊर्जा मंत्री से जलने वाले लोग एक हो गए हैं, लेकिन “ईश्वर और जनता मंत्री के साथ है।”
विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ का समर्थन
ऊर्जा मंत्री को विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ ने समर्थन दिया है। उन्होंने संघर्ष समिति पर राजनीति से प्रेरित होकर काम करने का आरोप लगाया।
संघर्ष समिति का पलटवार – मानसून सत्र में उठेगा मुद्दा
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बयान में कहा कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सबसे अधिक कार्यकाल पूरा करने पर बधाई देते हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि—
“मानसून सत्र में निजीकरण के नाम पर हुए घोटाले से हर विधायक को अवगत कराया जाएगा।”
संयोजक शैलेंद्र दुबे ने मंत्री के बयान को भ्रामक और निराधार बताया और कहा कि बिजली कर्मी कभी अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करते।
उपभोक्ता परिषद की मांग – हो सीबीआई जांच
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा—
“निजीकरण का मसौदा असंवैधानिक तरीके से तैयार किया गया है। एडवाइजर कंपनी की नियुक्ति में भी घपला हुआ है।”
मंत्री ने कर्मचारियों को बताया अराजक तत्व
ऊर्जा मंत्री के बयान में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उन्होंने कहा—
“कुछ विद्युत कर्मचारी के वेश में अराजक तत्व हैं, जो मेरी सुपारी ले चुके हैं।”
मंत्री ने कहा कि कुछ कर्मचारी नेता इसलिए परेशान हैं क्योंकि वह उनके सामने नहीं झुकते। ऐसे लोग विभाग को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं।
ऊर्जा संकट से सियासत तक
इस पूरे घटनाक्रम को सिर्फ कर्मचारी आंदोलन या निजीकरण का मुद्दा नहीं, बल्कि एक बड़ा सियासी टकराव माना जा रहा है। जहां एक ओर ऊर्जा मंत्री खुद को ईमानदारी और सुधार की लड़ाई में बता रहे हैं, वहीं कर्मचारी संगठनों का दावा है कि लोकतांत्रिक और संवैधानिक प्रक्रियाओं की अनदेखी की जा रही है।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.