ATS का माफीनामा, 19 करोड़ मुआवजा और SIT जांच की मांग:

हाईकोर्ट ने 12 आरोपियों को किया बरी, शेख ने कहा- “अब असली गुनहगारों को पकड़िए”
Mumbai news Desk: मुंबई लोकल ट्रेन में 11 जुलाई 2006 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 180 से ज्यादा लोगों की मौत और सैकड़ों के घायल होने के मामले में 21 जुलाई 2025 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष इन पर लगे आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा और यह मानना “कठिन है कि इन्हीं आरोपियों ने यह अपराध किया।”
अब्दुल वाहिद शेख की प्रतिक्रिया: “देर से मिला न्याय, लेकिन सच सामने आया”
अब्दुल वाहिद शेख, जो इस मामले में 2015 में विशेष अदालत द्वारा बरी होने वाले इकलौते आरोपी थे, अब न्याय की अगली लड़ाई के लिए मैदान में हैं। उन्होंने कहा:
“हालांकि बहुत देर हुई, लेकिन इन लोगों को आखिरकार न्याय मिला। हाईकोर्ट के फैसले ने ATS के झूठ को उजागर कर दिया।”
मांग: SIT से हो दोबारा जांच, असली गुनहगारों की गिरफ्तारी जरूरी
शेख ने हाईकोर्ट के किसी मौजूदा जज की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की मांग की है ताकि बम धमाकों की दोबारा जांच हो, असली दोषियों की गिरफ्तारी हो सके, और भविष्य में इस तरह के झूठे फंसाव से लोगों को बचाया जा सके।
जांच अफसर की आत्महत्या को लेकर बड़ा दावा
शेख ने इस मामले में जांच अधिकारी रहे दिवंगत ACP विनोद भट्ट को याद करते हुए एक सनसनीखेज दावा किया कि
“उन्हें आरोपियों के खिलाफ झूठे सबूत गढ़ने का दबाव दिया जा रहा था।”
उन्होंने कहा कि अगस्त 2006 में ACP भट्ट ने उसी रेलवे ट्रैक पर जान दे दी, जहां बम धमाके हुए थे। यह मौत दादर रेलवे थाने में ‘दुर्घटनावश मौत’ के रूप में दर्ज की गई थी।
मुआवजा, माफी और पुनर्वास की मांग
शेख ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि ATS सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, 19 साल जेल में बिताने वाले 12 निर्दोष लोगों को सालाना एक करोड़ यानी कुल ₹19 करोड़ का मुआवजा दिया जाए, सरकारी नौकरी और घर भी मुहैया कराया जाए ताकि वे समाज में फिर से सम्मानपूर्वक जीवन शुरू कर सकें।
ATS की कार्यशैली पर गंभीर सवाल
शेख, जो पेशे से शिक्षक हैं, ने जेल में रहते हुए ‘बेगुनाह कैदी’ नाम की किताब लिखी थी, जिसमें उन्होंने ATS द्वारा झूठे केस बनाने, टॉर्चर और गवाह बनाने की साजिशों को उजागर किया है। कोर्ट के फैसले के बाद उनके आरोपों को और बल मिला है।
2006 का वो काला दिन
11 जुलाई 2006 को मुंबई की वेस्टर्न लाइन पर 7 अलग-अलग ट्रेनों में सिलसिलेवार बम धमाके हुए।
180+ मौतें और हजारों जिंदगियां प्रभावित हुईं। ATS ने इस मामले में 13 मुस्लिम युवकों को आरोपी बनाया, जिनमें से 12 को 2015 में दोषी ठहराया गया था। 5 को फांसी, 7 को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी।

Rashika Saxena is a young and energetic journalist. She keeps a keen eye on the issues happening in health, politics and film industry. Rashika has done a post graduate diploma in TV journalism